आगमी बरसात के मौसम में टिड्डी दल के प्रकोप खतरा है (Locust Party)
संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि नौ अफ्रीकी देश और फारस की खाड़ी टिड्डी दल का प्रकोप फैल रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को कहा कि जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया, केन्या, सोमालिया, दक्षिण सूडान, तंजानिया और युगांडा टिड्डी दल से प्रभावित है।(Locust Party) फारस की खाड़ी में भी इसकी गतिविधिया देखी गयी है। दुजारिक ने कहा कि क्रॉपलैंड और चारागाह सहित सैकड़ों हेक्टेयर टिड्डी दल के व्यापक प्रजन्न के कारण प्रभावित है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आगमी बरसात के मौसम में टिड्डी दल के प्रकोप खतरा है।
जानें, प्रवासी टिड्डियों की निम्नलिखित प्रमुख जातियाँ हैं :
1. उत्तरी अमरीका की रॉकी पर्वत की टिड्डी
2. स्किस टोसरका ग्रिग्ररिया नामक मरुभूमीय टिड्डी
3. दक्षिण अफ्रीका की भूरी एवं लाल लोकस्टान पारडालिना तथा नौमेडैक्रिस सेंप्टेमफैसिऐटा
4. साउथ अमरीकाना
5. इटालीय तथा मोरोक्को टिड्डी। इनमें से अधिकांश अफ्रीका, ईस्ट इंडीज, उष्ण कटिबंधीय आस्ट्रेलिया, यूरेशियाई टाइगा जंगल के दक्षिण के घास के मैदान तथा न्यूजीलैंड में पाई जाती हैं।
टिड्डी का विकास आर्द्रता ओर ताप पर अत्याधिक निर्भर करता है। टिड्डी के वृत्तखंडधारी पैरों के तीन जोड़ों में से सबसे पिछला जोड़ा अधिक परिवर्धित होता है। ये दो पैर सबसे लंबे और मजबूत होते हैं। कठोर, संकुचित पंख संम्पुटों के नीचे चौड़े पंख होते हैं। टिड्डियों की दो अवस्थाएँ होती हैं, 1. इकचारी तथा 2. यूथचारी।
- प्रत्येक अवस्था में ये रंजन, आकृति, कायकी और व्यवहार में एक दूसरे से भिन्न होती हैं।
- एकचारी के निंफ का रंग और प्रतिरूप परिवर्तित होता रहता है।
- यह अपने पर्यावरण के अनुकूल अपने रंग का समायोजन कर सकता है।
- इसका उपापचय और आॅक्सीजन लेने की दर मंद होती है।
- यूथचारी के निंफ का रंग काला, पीला और प्रतिरूप निश्चित होता है।
- इसका उपापचय तथा आॅक्सीजन लेने की दर ऊँची होती है।
- तूफान के कारण इनके यूथ भंग हो जाते हैं।
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