अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत दौरे पर आ रहे हैं। दुनिया के महाशक्तिशाली देश के प्रमुख का भारत आना देश के लिए बड़ी बात है। हमारे राजनीतिज्ञों के इस दावे में दम है कि भारत की अंतराष्ट्रीय स्तर पर साख ऊंची हुई है लेकिन हमें उन कमियों की तरफ भी ध्यान देना होगा जो देश की शान खराब कर रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे दौरान अहमदाबाद में एक झुग्गी-झौंपड़ी, बस्ती की गंदगी को छिपाने के लिए उसके आगे एक दीवार के निर्माण करने की चर्चा है। इस तरह ट्रम्प के आगरा दौरे दौरान यमुना नदी के दूषित पानी से आ रही बदबू को रोकने के लिए इस नदी में किसी अन्य नदी का पानी डालने की योजना बताई जा रही है। अहमदाबाद व आगरा दोनों ही महत्वपूर्ण शहर हैं व ‘ताजमहल’ दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। ऐसे स्थान तो बहुत समय पहले ही गन्दगी मुक्त हो जाने चाहिए थे। देश की राजधानी सहित महानगरों व बड़े-छोटे शहरों की सफाई भी बहुत बड़ी समस्या है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘स्वच्छ भारत’ प्रशंसनीय मिशन चलाया गया है व इसलिए अलग से फंड भी तय किया गया है। देशवासियों में सफाई प्रति जागरूकता बढ़ी है।
डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी ने 2011 में दिल्ली में सफाई अभियान चलाकर एक नई दिशा प्रदान की थी। डेरा सच्चा सौदा की मुहिम को दिल्ली के लाखों लोगों ने अपने दिलों में बसा लिया था। चाहिए तो यह था कि इस मुहिम से प्रेरणा लेकर सफाई को सरकार व लोग पूरी गंभीरता से लेते व गंदगी नाम की वस्तु ही खत्म हो जाती। लेकिन इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ करना बाकी है। केन्द्र सरकार ने सफाई को खास कर नदियों की सफाई को अपने एजेंडे में शामिल किया है, जिसकी समीक्षा कर इस कार्य को रफ्तार देनी चाहिए। पर्यटन की दृष्टि से भारत विश्व भर के सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। अगर सफाई को गंभीरता से लिया जाए तो पर्यटन उद्योग को और फायदा मिल सकता है। सफाई हमारे देश की समस्या नहीं बल्कि शान होनी चाहिए। हमें यह कल्चर छोड़ना होगा कि किसी मेहमान के आने पर रातों-रात ही सुधार किया जाए।
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