चिंताजनक। हुनर निखारने की बजाय टिक-टॉक व अन्य सोशल साइटों पर वक्त बर्बाद कर रहे युवा(Skull breaker challenge)
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पीठ के बल गिरते ही सिर, कमर में लग रही हैं गंभीर चोटें
संजय कुमार मेहरा गुरुग्राम। सोशल मीडिया पर आजकल वायरल हो रहा है स्कल ब्रेकर चैलेंज। यह बच्चों और युवाओं के लिए घातक साबित हो रहा है। यूं कहें कि यह जानलेवा तक बन गया है। अपने बच्चों को इसके प्रति जागरुक करें, ताकि इस खेल में वे किसी भी तरह से खुद को शामिल न करें। (Skull breaker challenge) एक सर्वे के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर्स भारत में हैं। महानगरों के आसपास रहने वालों की इसमें संख्या अधिक है। युवाओं के देश भारत में युवा वर्ग मोबाइल में अधिक व्यस्त हैं।चाहे वो अपने काम से हो या फिर टाइम पास से।
- इस टाइम पास कल्चर का असर यह पड़ रहा है
- युवा इसकी दलदल में धंसते चले जा रहे हैं।
- टिक-टॉक व अन्य सोशल साइट्स पर दिन-प्रतिदिन युवा खुद को खराब कर रहे हैं।
- प्रतिभा दिखाने के नाम पर कई तरह की बुराइयां युवा ग्रहण कर रहे हैं।
- नया गेम आया है-स्कल ब्रेकर चैलेंज। यह गेम पूरी तरह से जानलेवा है।
-तीन मेंबर्स में से पहले दो का ऊपर की ओर कूदना फिर बीच वाले के कूदते समय साइड के दोनों मेंबर्स द्वारा पांवों पर पांव मारकर उसे गिरा देने का यह खतरनाक खेल आजकल टिक-टॉक व अन्य सोशल मीडिया पर खूब देखा जा सकता है। चाहे लड़के हो या लड़कियां, अब यह नया गेम उनके जह्न में ऐसे बसता जा रहा है कि जैसे उन्हें इसमें कोई गोल्ड मेडल मिलना हो।
स्टंट कर खुद को चोटिल कर रहे युवा
यह पहली बार नहीं है जब आॅनलाइन ट्रेंड ने चिंता पैदा की है। सोशल मीडिया इस तरह के अपमानजनक और खतरनाक स्टंट के लिए बदनाम है। सिनामन चैलेंज, ब्लू व्हेल चैलेंज, मोमो और काफी लोकप्रिय किकी चैलेंज, जिसमें एक चलती कार से बाहर निकलना और ड्रेक के गीत इन माय फीलिंग्स रैप करने के लिए उसके साथ डांस करना होता है। अब ट्रिपलिंग जंप चैलेंज या स्कल-ब्रेकर चैलेंज ने अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में बहुतों को चोट पहुंचाई है। अब यह भारत में भी फॉलो किया जा रहा है। विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि इस चैलेंज में गिरने से शरीर की हर हड्डी टूट सकती है।
इन खतरनाक स्टंट्स पर चिकित्सकों की राय
पारस अस्पताल में आॅथोर्पेडिक्स और ट्रोमा प्रमुख डॉ. अरविंद मेहरा का कहना है कि इस चैलेंज से स्कल फ्रैक्चर हो सकता है, जो घातक हो सकता है। इससे चोटिल होने वाले इंसान कोमा में भी जा सकते हैं। यहां तक कि मौत का कारण बन सकता है। कोहनी में फ्रैक्चर, रीढ़ में फ्रैक्चर, लम्बर बोन, कूल्हे का फ्रैक्चर, स्पाइन में फ्रैक्चर यहां तक कि गर्दन और मस्तिष्क की चोट भी हो सकती है। वहीं मिरेकल मेडिक्लीनिक एंड अपोलो क्रेडल अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरू मेहरा का कहना है कि इस प्रकार के चैलेंज मामूली से गंभीर तक की चोटों का कारण बन सकते हैं।
- प्रतिभागी अपनी पीठ पर गिरता है तो इस कारण सॉफ्ट टिशू चोटें हो सकती हैं।
- फर्श पर सिर के बल गिरने से गंभीर और घातक सिर की चोट हो सकती है।
- कोलम्बिया एशिया अस्पताल में आॅथोर्पेडिक्स डॉ. गुरदीप सिंह इस बारे में कहते हैं ।
- इस चैलेंज की हम कड़ी निंदा करते हैं।
- माता पिता और स्कूलों में अध्यापकों से निवेदन करते हैं की इस चैलेंज को बच्चों को दिखाएं।
- उन्हें बताएं की इससे संभावित फ्रैक्चर व घातक चोट आ सकती हैं। इस चैलेंज को बिलकुल न करें।
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