सेना प्रमुख सिल्वा पर अमेरिकी प्रतिबंध पर श्रीलंका ने जताई आपत्ति

Sri Lanka objected to US ban on Army Chief Silva - Sach Kahoon

कोलंबो (एजेंसी)। श्रीलंकाई सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्रा सिल्वा (Army Chief Shavendra Silva) और उनके परिवार पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर श्रीलंका ने कड़ी आपत्ति जताई है। सिल्वा को 2009 में गृह युद्ध के दौरान सैन्य कार्रवाई में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिम्मेदार मानते हुए अमेरिका ने यह कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा, ‘श्रीलंका सरकार स्वतंत्र रूप से असत्यापित जानकारी के आधार पर लेफ्टिनेंट जनरल सिल्वा और उनके तत्काल परिवार के सदस्यों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने पर कड़ी आपत्ति जताती है।’ सरकार ने दोहराया है कि लेफ्टिनेंट जनरल सिल्वा को उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए सेना के कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया था और उनके खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के कोई पुष्ट या सिद्ध आरोप नहीं थे।

सूचना के प्रामाणिकता की जांच करे अमेरिका

डेली फाइनेंशियल टाइम्स ने बयान के हवाले से कहा, ‘वर्तमान राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे द्वारा रक्षा स्टाफ के प्रमुख के तौर पर उनकी नियुक्ति वरिष्ठ सैन्य अधिकारी होने के कारण हुई। श्रीलंकाई सरकार अमेरिका से सूचना के प्रामाणिकता को जांचने और अपने निर्णय की समीक्षा करने के लिए अनुरोध करती है।’

सिल्वा के खिलाफ आरोप गंभीर और विश्वसनीय

संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों में दर्ज किए गए सिल्वा के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन के आरोप गंभीर और विश्वसनीय हैं। हम श्रीलंकाई सरकार से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने, युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ जवाबदेही तय करने सुरक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने का आग्रह करते हैं।

  • 26 साल का खूनी संघर्ष
  • 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (LTTE) के विद्रोहियों के खिलाफ सेना की 58 वीं डिवीजन लड़ाई लड़ी थी।
  • सिल्वा को इसका कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था।
  • 26 साल के खूनी संघर्ष के बाद मई 2009 में श्रीलंकाई सेना ने तमिल टाइगर विद्रोहियों को हराया।
  • आंकड़ों के अनुसार, लड़ाई में अनुमानित 100,000 लोगों की मौत हुई
  • और लगभग 20,000, ज्यादातर तमिल लापता हो गए।