प्रत्याशियों के खिलाफ दायर मामलों की जानकारी अगले 72 घंटे में जाए |Supreme Court
नई दिल्ली(एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजनीति के अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछले 4 आम चुनावों में दागी उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है। कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव सुधारों को लेकर अहम फैसले में कहा- सभी राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट पर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के चयन की वजह बताएं और उनके खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी अपलोड करें। साथ ही प्रत्याशियों के खिलाफ दायर मामलों की जानकारी अगले 72 घंटे में चुनाव आयोग को दी जाए।
राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित कराएं और फेसबुक-ट्विटर पर भी करें साझा
जस्टिस एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आदेश का पालन न होने पर चुनाव आयोग अपने अधिकार के मुताबिक राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे। साथ ही पार्टियां प्रत्याशियों के आपराधिक मामलों की जानकारी क्षेत्रीय-राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित कराएं और फेसबुक-ट्विटर पर भी साझा करें। भाजपा नेता और वकील अश्वनी उपाध्याय ने राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 माह पहले भी आदेश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आदेश पारित करे। ताकि तीन महीने के अंदर राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट देने से रोका जा सके। तब सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह आदेश दिया था। उपाध्याय की मांग थी कि पार्टियों को अपराधिक छवि वाले लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोका जाए। साथ ही उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित कराने का आदेश दिया जाए।
जनहित याचिका में क्या था ?
- प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में राजनीति के अपराधीकरण में बढ़ोतरी हुई है।
- और 24% सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
- 2009 के लोकसभा चुनाव में 15% प्रत्याशियों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी।
- इन प्रत्याशियों में से 610 या 8% के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज थे।
- इसी तरह, 2014 में 8,163 प्रत्याशियों में से 1398 ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी ।
- और इसमें से 889 के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले लंबित थे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।
Detail, Candidates, Criminal, History, Sites, Social, Media, Supreme Court