नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार | Drugs
-
चौंकाने वाली है पीजीआई रोहतक की रिपोर्ट
सच कहूँ/अनिल कक्कड़
चंडीगढ़। पीजीआई रोहतक की एक रिपोर्ट चौंकाने वाली है जिसमें खुलासा हुआ है कि 4 साल के दौरान नशे (Drugs) के आदि स्कूली बच्चों की तादाद में 12 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। पीजीआई में हुई एक स्टडी के मुताबिक 2016 में 18 नशे के आदि बच्चे इलाज के लिए आए थे, जिनकी उम्र 14 से 19 साल के बीच थी। लेकिन 2019 के आखिर तक ये आंकड़ा बढ़कर 209 हो गया। करीब 12 गुणा की ये बढ़ोत्तरी पूरे हरियाणा को परेशान करने वाली है। इस पर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि युवाओं के साथ बच्चों में नशे के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता का विषय है उन्होंने कहा कि पहले एनसीआरबी और अब रोहतक पीजीआई के आंकड़े परेशानी बढ़ाने वाले हैं।
नशों से होने वाली मौतों में पंजाब से आगे निकला हरियाणा |Drugs
20 से 25 साल की उम्र के युवाओं में बढ़ती नशे की लत का भी रिपोर्ट में जिक्र है। पीजीआई में साल 2016 के दौरान इलाज के लिए 267 युवा आए। 2019 तक ये आंकड़ा बढ़कर 451 हो गया। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा नशे की वजह से मौत के मामले में पंजाब को भी पीछे छोड़ चुका है। साल 2018 के दौरान हरियाणा में एनडीपीएस के 2,587 मामले सामने आए जो उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है। हरियाणा में नशे से 86 लोगों की मौत हुई जबकि पंजाब में इससे कम 78 मौतें हुई। इसी तरह नकली शराब पीने से 162 लोगों की मौत हुई थी।
सरसा को लगी नजर, घर-घर पहुंचा नशा |Drugs
हालात कितने खतरनाक हो चुके हैं, इसका अंदाजा सरसा जिले की रिपोर्ट से भी लगाया जा सकता है। वहां के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक साल 2014 के दौरान 1,405 ड्रग एडिक्ट इलाज के लिए आए थे। लेकिन 2018 में ये संख्या बढ़कर 18,551 हो गई थी। ये सीधे तौर पर 13 गुणा की बढ़ोत्तरी है। इससे भी खतरनाक बात ये है कि ड्रग एडिक्ट्स में पहले 25 से 30 साल की उम्र के युवा ज्यादा होते थे लेकिन अब 15-20 साल के किशोरों की तादाद ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि सिरसा समेत हरियाणा के कई जिलों में चिट्टे का कारोबार चरम पर है। खुद सरकार का मानना है कि सिरसा के साथ पंजाब से लगते फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिले में ऐसा नशा बिक रह है। कई जगह खुद बीजेपी के नेताओं पर ही नशे के कारोबार में संलिप्तता के आरोप लगे हैं।
सरकार की नीयत और नीति नशे के चलने के लिए जिम्मेदार: हुड्डा
- पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ते नशे के चलन और कारोबार के लिए सरकार की नीयत और नीति को जिम्मेदार ठहराया है।
- उनका कहना है कि सरकार की नीति ‘ठेके खोलो और स्कूल बंद करो’ वाली है।
- इन्हीं विनाशकारी नीतियों की बदौलत प्रदेश के युवा बेरोजगारी के चलते नशे के आगोश में समा रहे हैं।
- कांग्रेस सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश के पैमाने पर नंबर वन रहा हरियाणा ।
- अब अपराध, बेरोजगारी और नशे में नंबर वन बन गया है।
- सरकार के मंत्री नशे के कारोबारियों से लड़ने की बजाए किसकी कुर्सी कहां लगे इसी लड़ाई में व्यस्त हैं।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।