विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी थी
नई दिल्ली(एजेंसी)। निर्भया मामले में चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। इसके बाद वह फांसी के और करीब पहुंच गया है। विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। इस मामले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति महोदय 17 जनवरी को ही खारिज कर चुके हैं। हालांकि, दोषियों को फांसी कब होगी, इसकी अभी तक कोई तिथि तय नहीं हो पाई है। दोषी विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी थी। इसकी जानकारी खुद विनय के वकील एपी सिंह ने दी थी।
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 निर्भया के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना में चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर) को निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है। गौरतलब है कि दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी पवन गुप्ता की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। पवन ने अपराध के समय नाबालिग होने का दावा खारिज करने के आदेश के खिलाफ यह पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
- पवन ने अपराध के समय दिसंबर 2012 में नाबालिग होने का दावा किया था।
- हालांकि निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उसका यह दावा खारिज किया जा चुका है।
- लेकिन उसने अब सुप्रीम कोर्ट से दावा खारिज होने के आदेश के खिलाफ यह पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
- पवन ने शुक्रवार को ही याचिका दाखिल की थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने आनन फानन में शुक्रवार को ही मामले पर विचार करने के बाद याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के चार दोषियों में एक पवन गुप्ता भी है
जस्टिस आर. भानुमति, अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि उन्होंने पुनर्विचार याचिका और उसके साथ दाखिल दस्तावेज ध्यान से देखे और यह पाया कि जिस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की गई है उसमें ऐसी कोई खामी नहीं है जिस पर पुनर्विचार की जरूरत हो। दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के चार दोषियों में एक पवन गुप्ता भी है। जिसे दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट तक से पवन की फांसी पर मुहर लग चुकी है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट फांसी की सजा को चुनौती देने वाली उसकी पुनर्विचार याचिका पहले ही खारिज कर चुका है।