सच्चाई और ईमानदारी दो महान शक्तियाँ हैं। जिस व्यक्ति में ये दोनों मौजूद हैं, उस चरित्रवान को किसी प्रकार का प्रलोभन उसके सिद्धांतों से कभी हटा नहीं सकता। एक बढ़ई ने लोहार के पास आकर कहा, ‘‘मेरे लिए एक अच्छा-सा हथौड़ा बना दो। हम छह आदमी बाहर से काम करने आए हैं, मेरा हथौड़ा घर पर छूट गया है।’’ लोहार ने कहा, ‘बना दूँगा, पर मुझे अच्छा लोहा चाहिए।’ कुछ दिनों में लोहार ने उसे अच्छा हथौड़ा बनाकर दे दिया। वह उस बढ़ई को इतना अच्छा लगा कि बाद में अन्य लोग भी उसकी सिफारिश पर हथौड़ा बनवाने उस लोहार के पास आए।
एक ठेकेदार ने भी कुछ हथौड़े बनाने को कहा, साथ में यह भी बोला कि पहले बनाए हुए हथौड़े से बढ़िया बनाना। यह सुनकर लोहार बोला, ‘‘मैं उससे बढ़िया नहीं बना सकता। जब मैं कोई चीज बनाता हूँ तो उसमें कोई कमी नहीं रखता, चाहे कोई भी बनवाए।’’ शीघ्र ही उसका नाम चारो तरफ फैल गया। कुछ दिनों बाद बाहर से एक बड़ा ठेकेदार आकर उससे बोला, ‘‘मैं तुम्हें डेढ़ गुने दाम दूँगा और तुम सारे हथौड़े केवल मेरे लिए बनाओगे।’’ लोहार ने इंकार कर दिया और कहा कि मुझे अपने दाम में ही पूर्ण संतुष्टि है।
प्रार्थना में तड़प
ईश्वर की निकटता प्राप्त करने के जितने भी साधन हैं, उनमें से प्रार्थना बहुत लोकप्रिय और सुलभ साधन है। एक सज्जन नियम से प्रार्थना किया करते थे। एक दिन उन्होंने गुरु से पूछा- मैं प्रार्थना करते-करते थक गया हूँ। जानना चाहता हूँ कि क्या ईश्वर है और अगर वो है तो प्रार्थना क्यों नहीं सुनता? गुरु महाराज उसे नदी पर ले गये। उससे कहा कि एक मछली पकड़कर लाओ। जब तक हम नहाकर आते हैं। उस व्यक्ति ने थोड़ी देर में एक मछली पकड़ ली। इतने में गुरु महाराज नहाकर आ गये। इस मछली को पानी से बाहर रेत पर छोड़ दो।
फिर देखा पानी के बिना मछली बहुत तड़प रही थी। गुरु महाराज ने कहा कि ईश्वर को पाने के लिए ऐसी तड़प चाहिए। ईश्वर तो सर्वत्र हैं। जैसे सागर जल से भरा हुआ है वैसे ही यह संसार ईश्वर से व्याप्त है। ईश्वर सब जगह है। गुरु महाराज ने कहा, हे प्यारे जिस दिन तुम मछली जैसी तड़प ह्रदय में पैदा कर लोगे उस दिन उसी समय तुम्हारी प्रार्थना फलीभूत हो जाएगी। जिस प्रार्थना में प्यास नहीं है, तड़प नहीं है, वो प्रार्थना, प्रार्थना नहीं रहती। परमात्मा को पाने में ऐसी बेचैनी जिस दिन प्रार्थना में उतर आएगी उसी समय तुम्हारी प्रार्थना सफल हो जाएगी। भगवान सुनते हैं, सुनाने वाला चाहिए। भगवान आते हैं बुलाने वाला चाहिए।