आने वाली फसलों की खरीद, ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज में नहीं बरती जाएगी कोताही
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश की मिलों में तय मात्रा से कम मिले धान के घोटाले का एक-एक पैसा सरकार वसूलेगी। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार इस दफे यह तय कर देना चाहती है कि फसलों की सरकारी खरीद-फरोख्त के साथ-साथ स्टोरेज में किसी भी तरह की कोई भी कमी पेशी न रहे। दुष्यंत लोहड़ी एवं मकर सक्रांति के त्यौहार पर पत्रकारों से एक हुई एक भेंट में वार्तालाप कर रहे थे।
- दुष्यंत ने कहा कि धान घोटाला उन्होंने ही उजागर किया था।
- सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की स्वीकृति से इस मामले में जांच करवाई गई ।
- यह असलियत सामने आई कि प्रदेश की मिलों में 42 हजार 589 मीट्रिक टन धान तय मात्रा से कम है।
- सरकार इस घोटाले की तरह आने वाली फसलों में फिर से ऐसी कोई घपले की स्थिति नहीं पनपने देना चाहती।
- इसलिए सरकार इस तरफ प्राथमिकता से ध्यान दे रही है और इस बाबत व्यापक योजनाएं तैयार कर ली गई हैं।
90 करोड़ का धान मिलों से मिला गायब
बता दें कि फाइनल फिजीकल वैरीफिकेशन के बाद प्रदेश सरकार ने पाया कि 1304 मिलों के फिजीकल वैरीफिकेशन में 1207 मिलों में 42 हजार 589 मीट्रिक टन धान गायब मिला। जिसकी कुल कीमत लगभग 90 करोड़ रुपए बैठती है। स्टॉक उपलब्धता और फर्जी धान खरीद की जांच करने के लिए, राज्य में 1304 चावल मिलों का फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया था, जिसमें से 1207 राइस मिलों में 42,589 मीट्रिक टन (एमटी) की कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि 6440180.54 मीट्रिक टन के स्टॉक की जाँच के लिए फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया था। हालांकि, वैरिफिकेशन के बाद, मिलों में 6400400.28 मीट्रिक टन स्ट्रॉक पाया गया।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।