चिंताजनक: अगले कुछ सप्ताह में कंपनी के निजीकरण के लिए निविदा जारी की जाएगी (Air India)
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नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी जानकारी
नई दिल्ली (एजेंसी)। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का कर्ज बढ़कर 80 हजार करोड़ रुपए पर पहुँच गया है और उसे रोजाना 22 से 25 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं को बताया कि एयर इंडिया पर कर्ज का बोझ इस हद तक पहुँच चुका है जहाँ ऋण प्रबंधन असंभव है और एयरलाइन के निजीकरण के अलावा कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में कंपनी के निजीकरण के लिए निविदा जारी की जाएगी। हालाँकि, निजीकरण नहीं होने की स्थिति में छह महीने में कंपनी के बंद होने की मीडिया में आयी खबरों को वह टाल गए। पुरी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से संवाद के दौरान कहा कि एयर इंडिया की देनदारी 80 हजार करोड़ रुपए पर पहुँच चुकी है।
- इस वर्ष उसे आठ से नौ हजार करोड़ रुपए के बीच नुकसान हुआ है
- और इस प्रकार रोजाना 22 करोड़ से 25 करोड़ के बीच घाटा हो रहा है।
सरकार चाहती है कि एयर इंडिया को कोई भारतीय कंपनी खरीदे
उन्होंने कहा, ‘हमें एयर इंडिया का निजीकरण करना है, इसमें कोई संदेह नहीं है। कई निजी कंपनियों तथा स्थापित विमान सेवा कंपनियों ने इसमें रुचि दिखायी है। आने वाले कुछ सप्ताह में इसके लिए निविदा जारी की जाएगी। तभी पता चल सकेगा कि कितनी कंपनियाँ वाकई इसे खरीदने में रुचि रखती हैं। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘रणनीतिक कारणों से’ सरकार चाहती है कि एयर इंडिया को कोई भारतीय कंपनी खरीदे। ‘एयरक्राफ्ट रूल्स’ के अनुसार, किसी विमान सेवा कंपनी में विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती।
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