किलोमीटर स्कीम विरोध। रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

Protest

हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने बैठक के दौरान लिया फैसला (Protest)

  • आज हरियाणा में धरने-प्रदर्शन का ऐलान

  • आरोप, 900 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद भी सरकार पूंजीपतियों को पहुंचा रही लाभ

सच कहूँ/नवीन मलिक रोहतक। प्रदेश में किलोमीटर स्कीम के विरोध में (Protest) रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि 510 प्राइवेट बसों के टेंडर प्रकिया में विजिलेंस जांच में 900 करोड़ रूपये का घोटाला साबित होने के साथ विभाग के उच्च अधिकारियों व परिवहन मंत्री को दोषी ठहराए जाने के बाद भी सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए 190 प्राइवेट बसे किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने पर अडिग है, जिसे रोडवेज कर्मचारी किसी कीमत पर सहन नहीं करेगे। बुधवार को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी की प्रदेश स्तरीय बैठक वरिष्ठ सदस्य वीरेन्द्र सिंह धनखड़ की अध्यक्षता में हुई।

बैठक में किलोमीटर स्कीम के विरोध में 26 दिसंबर को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। साथ ही आठ जनवरी को होने वाली राष्टÑव्यापी हड़ताल में रोडवेज के चक्का जाम को सफल बनाने के लिए रणनीति तय की गई।

  •  29 दिसंबर को कर्मचारी भवन में प्रदेश स्तरीय कर्मचारी सम्मेलन का भी आयोजन होगा।
  •  अगर सरकार की नीयत जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा देने की है ।
  •  विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ।
  •  आम जनता व छात्र-छात्राओं को परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें।

रोडवेज का निजीकरण नहीं करेंगे बर्दाश्त

वीरेन्द्र सिंह धनखड़ ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि जब प्राइवेट बसें ठेके पर लेकर चलाने की की जिद्द पर सरकार क्यों अड़िग है, जबकि इससे पहले 510 प्राइवेट बसों के टेंडर प्रकिया में विजिलेंस जांच में 900 करोड़ रूपये का घोटाला साबित हो चुका है। उन्होंने गुरूग्राम में पांच प्राइवेट बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने के सरकार के तुगलकी फरमान व परिवहन मंत्री के बयान की कडी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए रोडवेज विभाग को निजीकरण की और धकेल रही है, जिसे कर्मचारी किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।

 

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