काफी समय से हो रहा था पेट में दर्द, जांच कराई तो रिपोर्ट देखकर हुआ हैरान | Pregnant
Edited By Vijay Sharma
कासगंज। (Pregnant) उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। यहां एक युवक प्रेग्नेंट हो गया है। इस बारे जब युवक की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ तो डॉक्टर के भी होश उड़ गए। अब स्थिति ये है कि युवक का रो-रो कर बुरा हो चुका है। अब वो प्रेग्नेंट हुआ कैसे, ये तो किसी को नहीं पता लेकिन उसे प्रेगनेंसी का सर्टिफिकेट दे दिया गया।
अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्शन की फिलोपियन ट्यूब में गर्भ ठहरा है
कासगंज जिले के अलीगंज निवासी दर्शन (22 वर्षीय) के पेट में काफी तेज दर्द हो रहा था, जिसे वो सहन नहीं कर पा रहा था। जिसके बाद दर्शन अलीगढ़ के सनराइज अस्पताल पहुंचा। पेट में असहनीय दर्द के चलते डॉक्टरों ने युवक को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी, जिसके बाद डॉक्टर ने पूरी जांच की। साथ ही अल्ट्रासाउंड भी किया। शाम को जब उसकी जांच रिपोर्ट आई, तो इलाज करने वाला डॉक्टर भी चौंक गया क्योंकि उसके पेट दर्द का कारण उसके पेट में पल रहा बच्चा था। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्शन की बच्चेदानी की नली यानी फिलोपियन ट्यूब में गर्भ ठहरा है। साथ ही उसके गुर्दे की नली में सूजन भी बताई गई है।
सीएमओ के पास अस्पताल की शिकायत की
वहीं जब ये रिपोर्ट दर्शन ने डॉक्टरों को दिखाई तो पता चला की वो प्रेग्नेंट है। खुद को प्रेगनेंट सुनकर युवक को होश उड़ गए। वो कैसे प्रेग्नेंट हो गया उसकी समझ से बाहर है। कुछ लोगों की सलाह पर वो सीएमओ और जिलाधिकारी के पास पहुंचा। जहां उसने अपने साथ अस्पताल के द्वारा मजाक किए जाने की शिकायत की है। युवक अपने साथ इस खिलवाड़ से बेहद नाराज है। नर्सिंग होम के खिलाफ शिकायत जिलाधिकारी व सीएमओ को दी है।
- जो रिपोर्ट दर्शन को दी गई है उसके मायने है कि बच्चेदानी की नली की प्रैग्नेंसी सफल नहीं होती।
- अधिकतम 2 से ढाई माह के अंदर ऐसे केस में अबॉर्शन कराना पड़ता है।
- वरना नाली फटने की आशंका रहती है।
- वहीं दर्शन की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सिर्फ निष्कर्ष वाले कॉलम में प्रैग्नेंसी की पुष्टि की है।
- जबकि इससे पहले गुर्दे की नली में सूजन बताई है।
- कुछ डॉक्टरों का कहना है कि सम्भव है कि कम्प्यूटर पर रिपोर्ट प्रिंट से पूर्व किसी महिला की रिपोर्ट कॉपी पेस्ट हो गयी हो।
- इस लापरवाही से दर्शन खुद मानसिक उत्पीड़न का शिकार है।
- दर्शन की जांच रिपोर्ट बनाने वाले डाक्टर आलोक गुप्ता का कहना है कि गलती से रिपोर्ट बन गई है।
- सनराइज अस्पताल के डॉक्टर आलोक गुप्ता ने अपनी गलती स्वीकार की है।
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