मौलिक शिक्षा निदेशालय ने डीईईओ से की 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट तलब (Investigation)
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रिहायशी घरों के अंदर चल रहे निजी स्कूलों को भी थमाई अस्थायी मान्यता
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निवर्तमान डीईईओ से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों से अस्थायी मान्यता हासिल करने पर की थी शिकायत
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जिन निजी स्कूलों को किया था फर्जी पाए जाने पर सील
चंडीगढ़/भिवानी (अनिल कक्कड़)। रिहायशी घरों व नियमों को ताक पर (Investigation) रखकर चल रहे जिन निजी स्कूलों को जांच के दौरान शिक्षा अधिकारियों की कमेटी ने फर्जी पाए जाने पर सील कर दिया था, उन्हीं निजी स्कूलों को गलत दस्तावेजों के सहारे भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत कर उन्हें अस्थायी मान्यता दिलाने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जांच के आदेश देते हुए इसकी रिपोर्ट भी 15 दिन के अंदर तलब की है।
भ्रष्ट अधिकारियों ने दिलाई उन्हें ही अस्थायी मान्यता
दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने (Investigation) मौलिक शिक्षा निदेशालय को एक मई 2019 को शिकायत दी थी। इस शिकायत में यह हवाला दिया गया था कि भिवानी जिले के जिन 15 निजी स्कूलों को अस्थायी मान्यता गलत दस्तावेजों व झूठी रिपोर्ट पर दिया गया है। उनके खिलाफ पहले से ही हाई कोर्ट में केस चल रहा है। जिन स्कूलों की सूची भी हाई कोर्ट में दी हुई है। इसमें से कई निजी स्कूलों पर जांच के दौरान शिक्षा अधिकारियों की टीम ने स्कूल भवन को भी सील कर उन्हें बंद कराया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद बिना नियम पूरे किए भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियों से मिलीभगत कर इन स्कूलों को अस्थायी मान्यता दिलाई गई।
- शिकायतकर्ता बृजपाल परमार ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी निजी स्कूलों की अपील को खारिज कर दिया था
- इसके बावजूद भिवानी के निवर्तमान जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से मिलीभगत कर भ्रष्ट तरीके से
- इन स्कूलों को अस्थायी मान्यता दिलाई गई।
- अब निदेशालय ने इस संबंध में मामले की जांच के आदेश दिए हैं
- और जांच रिपोर्ट भी 15 दिन के अंदर निदेशालय ने तलब कर ली है।
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