नागरिकता संशोधन विधेयक पर अपने स्टैंड पर कायम है बसपा : मायावती
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केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को ही इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी (Lok Sabha)
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। नागरिकता संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश (Lok Sabha) किया जाएगा और इसे मंगलवार को सदन में चर्चा के लिये लिया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी। हालांकि कई विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए उन गैर मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। इस बिल के तहत छह समुदायों – हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी – के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है
- बिल के जरिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा
- चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके।
- चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है
- विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है।
- वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध पर कायम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा
- उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में सत्ता हासिल किये बगैर सर्वसमाज खासकर दलित और मुस्लिम वर्ग का भला नहीं किया जा सकता।
- सुश्री मायावती ने यहां पार्टी यूनिट की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुये कहा
कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का मानना था कि केन्द्र एवं राज्यों में सत्ता लिये बिना दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों, मुस्लिम और अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों का भला नहीं हो सकता है। इसके लिए बसपा के बैनर तले संगठित होकर सत्ता अपने हाथों में ही लेनी होगी। उन्होने कहा कि पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक के प्रति लिए गए स्टैण्ड पर कायम है जिसकी लोगों में काफीन सकारात्मक चर्चा भी है।
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