मिया खान बेटियों को स्कूल पहुंचाने के बाद छुट्टी होने तक वहीं करते हैं इंतजार | Real Hero Father
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मिया खान निरक्षर हैं मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं
Edited By Vijay Sharma
काबुल (सच कहूँ डेस्क) । (Real Hero Father) शिक्षा एक ऐसा दीपक है जिसकी रोशनी से हर इंसान अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकता है। लेकिन बेटियों को आज भी शिक्षा से वंचित रखा जाता है। रूढ़ीवादी सोच, पुरानी परापंराओं की जंजीरों में आज भी लाखों लोग बंधे हुए हैं। लेकिन आज आपको एक ऐसे पिता के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बेटियों को शिक्षित करने के लिए रोजाना 12 किलोमीटर का सफर तय करता है। जिनका नाम है मिया खान।वे अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए रोज 12 किमी दूर स्कूल तक ले जाते हैं।
इसके बाद जब तक उसकी क्लास चलती है। वे वहीं चार घंटे उनका इंतजार करते हैं। जब स्कूल का वक्त खत्म होता है वापस उन्हें लेकर घर आते हैं। मिया खान रोज बाइक से अपनी तीन बेटियों को नूरिनियां स्कूल ले जाते हैं।
बेटियों को बनाना चाहते हैं डॉक्टर| Real Hero Father
- मिया खान अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान के शाराना में रहते हैं।
- लोगों ने मिया खान के इस फैलने का विरोध किया लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों की सोच में बदलाव आने लगा है।
- मिया खान ने बताया, “मैं निरक्षर हूं। मैं मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता हूं।
- मेरी बेटियों की शिक्षा इसलिए जरूरी है, क्योंकि हमारे इलाके में कोई महिला डॉक्टर नहीं है।
- मेरी बेटियां डॉक्टर बनकर जिन्दगियों को बचा सके।
हमारा मकसद पिता के सपने को साकार करना : रोजी
मिया खान की तीन बेटियों में से एक बेटी रोजी ने बताया कि मैं खुश हूं कि मुझे ऐसे पिता मिलें है, मैं अभी कक्षा 6 में पढ़ रही हूँ मेरे पिता हम तीनों बहनों को रोजाना बाइक से स्कूल और स्कूल से घर लेकर आते हैं। साधन की कमी और स्कूल दूर होने के कारण हालांकि काफी परेशानी होती है लेकिन हमारे पिता ने हमें कभी ये महसूस नहीं होने दिया। हमारा मकसद सिर्फ पिता के सपने को साकार करना है।
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