पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का भी सुश्री सुले ने स्वागत किया
मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक गहमागहमी के बीच बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस समेत कई नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली और इस दौरान शपथ लेने विधानसभा पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बागी नेता अजीत पवार से राकांपा प्रमुख शरद पवार की पुत्री एवं सांसद सुप्रिया सुले गले मिलीं और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। प्रोटेम स्पीकर कालीदास कोलांबकर ने सुबह आठ बजे विधायकों को शपथ दिलवाना शुरू किया। समारोह शुरू होने के साथ ही देवेंद्र फडणवीस, अशोक चव्हाण और अजीत पवार ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली।
अजीत और सुश्री सुले चचेरे भाई-बहन हैं
- इसके साथ ही अन्य विधायकों ने भी शपथ ली।
- शपथ लेने के लिए विधानसभा पहुंचे राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित का सुश्री सुले ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
- और कहा, ‘परिवार में अनबन हो सकता है लेकिन अलगाव नहीं।
- हम दोनों की बात की जाए तो वे मेरे भाई हैं और हमारे बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा है।
- विधानसभा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का भी सुश्री सुले ने स्वागत किया और उनसे हाथ मिलाया।
- इस बीच बालासाहेब थोराट ने विधानसभा के बाहर कहा कि उपमुख्यमंत्री का पद किसे दिया जाएगा।
- इस पर फिलहाल फैसला नहीं किया गया है।
- गौरतलब है कि अजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं और इस नाते अजीत और सुश्री सुले चचेरे भाई-बहन हैं।
एनसीपी बोली- अजित का ओहदा नहीं बदला
अजित पवार ने कहा है कि मंत्री पद को लेकर उनकी पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह उन्हें मंजूर होगा। हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि वह बीजेपी के साथ क्यों गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इधर, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘आखिर में उन्होंने (अजित पवार) ने अपनी गलती मान ली। यह पारिवारिक मामला है और पवार साहब ने उन्हें माफ कर दिया है। वह (अजित) पार्टी के बेहद करीब हैं और एनसीपी में उनका ओहदा नहीं बदला है।’
यह हो सकता है फॉर्म्युला
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में नियमों के तहत कुल सदस्य संख्या का 15 फीसदी यानी 43 सदस्यों वाली मंत्रिपरिषद बनाई जा सकती है। शिवसेना कोटे से 16 (11 कैबिनेट, 15 राज्यमंत्री) , एनसीपी कोटे से 15 (11 कैबिनेट, 4 राज्यमंत्री) और कांग्रेस कोटे से 12 (9 कैबिनेट, 3 राज्यमंत्री) मंत्री बनाए जा सकते हैं। विधानसभा स्पीकर का पद कांग्रेस को दिया जा सकता है। मंत्रियों के विभागों को लेकर भी तीनों पार्टियों में अभी चर्चा चल रही है।महाराष्ट्र की नई सरकार में होंगे 2 डेप्युटी सीएम।