दिल्ली के साथ नोएडा गाजियाबाद गुरुग्राम फरीदाबाद में प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में| Air Pollution
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Air Pollution) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को भी दिल्ली के साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत दर्जनभर शहरों में प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में है। दिल्ली के पूसा रोड में 777 और अशोक विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 757 है, तो ओखला 722 है। इसके अलावा, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के पास 733 और आरकेपुरम में 628 है। इस बीच खबर आ रही है कि दिल्ली सरकार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर odd-Even Scheme को अगले कुछ दिनों तक बढ़ाने का एलान कर सकती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) के मुताबिक, दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 बना हुआ है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। वहीं, दिल्ली के कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 700 के पार चला गया है।
- नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी हालात बदतर हैं।
- यहां पर भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 400-500 के बीच है।
- प्रदूषण के मद्देनजर odd-Even Scheme को आगे बढ़ा सकती है
- दिल्ली सरकार बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर पूरा दिन स्मॉग की चादर में लिपटा रहा।
- इसे इस मौसम का सबसे घना स्मॉग भी कह सकते हैं।
- इसका असर दृश्यता पर भी पड़ा जो सुबह आठ बजे 500 मीटर थी।
- दिन में भी यह 800 मीटर से अधिक नहीं बढ़ी। सामान्य तौर पर दृश्यता का स्तर ढाई से तीन हजार मीटर रहता है।
- एनसीआर के शहर का एयर इंडेक्स 400 से ज्यादा ही बना हुआ है।
- आसमान के ऊपरी स्तर में छाए बादलों के कारण प्रदूषण से राहत नहीं मिल पा रही।
- इससे पहले गुरुवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 461 रहा। इस स्तर को आपात श्रेणी में रखा जाता है।
देश में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद व नोएडा
जिला प्रशासन व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण फैला रहे रेलवे, एनएचएआइ व एक बिल्डर पर 2.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। शहर स्मॉग का चैंबर बना हुआ है। इसलिए निर्माण कार्य पर रोक है। इसके बावजूद सरकारी व निजी कार्यदायी संस्थाएं निर्माण कार्य जारी रखकर प्रदूषण फैला रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े देखे जाएं तो गाजियाबाद और नोएडा में प्रदूषण का स्तर मानक से पांच से छह गुना अधिक है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए प्रशासन व यूपीपीसीबी लगातार कार्रवाई कर रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा के मुताबिक, बृहस्पतिवार को प्रदूषण फैलाने पर रेलवे पर 11 लाख रुपये, सिद्धार्थ विहार में बिल्डर एपेक्स दा क्रेमलिन पर एक करोड़ एक लाख रुपये रुपये, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण कर रहे एनएचएआइ के ठेकेदार एपको कंपनी पर एक करोड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ साइट पर काम कर रहे नौ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं, एनएचएआइ पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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