आवारा पशुओं के चारे के लिए एकत्रित की जा रही पराली | Awareness
गुरूहरसहाए(सच कहूँ/विजय हांडा)। धान की पराली किसानों के साथ-साथ आम लोगों के लिए (Awareness) जी का जंजाल साबित हो रही है और केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक पराली का धुआं सिरदर्दी बना हुआ है। पराली के धुएं से दिन समय पर भी अंधेरा नजर आता है। आगामी दिनों तक भी पराली के धुओं के साथ लोगों को दो चार होना पड़ सकता है क्योंकि अभी भी लोग धड़ाधड़ पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। इन सब के उलट कुछ ऐसे भी पर्यावरण प्रेमी हैं, जो पराली जलाने की बजाय उनको प्रयोग में ला रहे हैं, जिसके अंतर्गत डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु भी पराली संभालने में जुटे हुए हैं।
डेरा सच्चा सौदा के डेरा श्रद्धालुओं की ओर से नामचर्चा घर गुरूहरसहाए में धान की पराली को आग लगाने की बजाय उस पराली को एकत्रित कर उस पराली को आवारा और बेसहारा पशुओं के लिए चारे के लिए एकत्रित किया जा रहा है। यह पराली सर्दियों के मौसम में आवारा पशुओं के लिए चारे के रूप में प्रयोग में लाई जाएगी।
इस संबंधी जानकारी देते गुरूहरसहाए के 15 मैंबर जिम्मेदार सुखनाम सिंह इन्सां, ब्लॉक भंगीदास रजवंत इन्सां, 15 मैंबर तेजिन्दर सिंह इन्सां, सुखदेव सिंह इन्सां, डॉ. गुरजंट सिंह इन्सां, यशवंत सिंह इन्सां आदि ने बताया डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से चलाए जा रहे मानवता भलाई के 134 कार्यांें की कड़Þी के अंतर्गत पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ब्लाक की साध-संगत की ओर से पराली को आग के हवाले करने की बजाय इसे प्रयोग में लाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है।
पराली को आग न लगाकर पर्यावरण बचाना प्रशंसनीय प्रयास : कृषि अधिकारी
- इस संबंधी जब गुरूहरसहाए के ब्लॉक कृषि अधिकारी जसविन्दर सिंह के साथ बातचीत की गई
- तो उन्होंने बताया पराली को आग न लगा कर आवारा पशुओं के लिए संभालना
- डेरा श्रद्धालुओं का प्रशंसनीय कदम है।
- उन्होंने कहा कि पर्यावरण लगातार प्रदूषित और दूषित हो रहा है और
- समाजसेवी संस्थाओं का पराली को आग न लगा कर
- पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आना शुभ संकेत है।
- उन्होंने कहा कि इससे पहले ब्लॉक की साध-संगत को भी धान की
- पराली को आग न लगाने के लिए अपील की जा चुकी है
- और इस के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में डेरा श्रद्धालुओं की ओर से पराली को जमीन नीचे दबाया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि डेरा श्रद्धालुओं को नाम चर्चा दौरान पराली के साथ होने वाले
- नुक्सान संबंधी जागरूक किया जा रहा है
- और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हर प्रयास किया जा रहा है।
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