दो सौ रुपए के 52 नोट, पांच सौ के 3 नोट, पचास रुपए के 3 नोट व सफेद कागज पर छपे हुए नोट बरामद
सीकर(एजेंसी)। कंप्यूटर सेंटर पर प्रिंटर से जाली नोट बनाते हुए दो सगे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो सौ रुपए के 52 नोट, पांच सौ के 3 नोट, पचास रुपए के 3 नोट व सफेद कागज पर छपे हुए नोट, कंप्यूटर, सीपीयू, कलर प्रिंटर, कटर, हरे व सफेद रंग की टेप बरामद की है। पुलिस दोनों से गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस को दोनों भाईयों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए है। थानाधिकारी हिम्मत सिंह ने बताया कि पिछले करीब एक माह से कस्बा खंडेला, थोई, श्रीमाधोपुर व रींगस क्षेत्र में नकली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी।
टीम ने कंप्यूटर सेंटर पर दबिश देकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने जांच की तो पता लगा कि खंडेला में ही कंप्यूटर सेंटर पर जाली नोट बना कर सप्लाई किए जा रहे है। यहां से नोट बना कर बाजार में बेचे जा रहे है। उन्होंने बताया कि हिदायत नगर निवासी रामभक्त सैनी व संतोष कुमार सैनी को गिरफ्तार किया है। रामभगत खंडेला में कंप्यूटर सेंटर चलाता है। वह अपने सेंटर पर ही नकली नोट छापता था। पुलिस ने गुरूवार रात को मुखबिर की सूचना मिली कि कंप्यूटर सेंटर पर अब जाली नोट बनाए जा रहे है। थानाधिकारी हिम्मत सिंह ने एचसी रूड़ाराम, कांस्टेबल मुकेश महला, श्योचंद, भोलाराम, राजेश मंगावा, राजेश नेचू व महिला कांस्टेबल अनिता की एक टीम गठित की। टीम ने कंप्यूटर सेंटर पर दबिश देकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों से गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ कर रही है।
10 लाख से ज्यादा नकली नोट कर चुके सप्लाई
जांच के दौरान सामने आया कि रामभक्त सैनी पहले खुद ही बाहर से नकली नोट लेकर आता था। वह 60 हजार के बदले एक लाख रुपए के नकली नोट लेकर आता था और उन्हें बाजार में सप्लाई करता था। इसके बाद उन्होंने खुद ही कंम्यूटर सेंटर पर नोटों को स्कैन कर जाली नोट बनाने शुरू कर दिए। जांच के दौरान पता लगा कि वे जयपुर, सीकर, रींगस, नीमकाथाना व श्रीमाधोपुर में नोट बनाकर सप्लाई करते थे। पुलिस ने दोनों से पूछताछ में एजेंट के बारे में पूछताछ कर रही है। जांच में सामने आया है कि अब तक इन्होंने करीब 10 लाख से ज्यादा के नोट बाजार में बेच डाले है।
एक साल से कर रहे काम
- ये कम्प्यूटर सेंटर पर रात के समय में ही प्रिंटर से नोट तैयार कर एजेंटों के बेच देते है और खुद ही बाजार में सप्लाई करते है।
- जांच में सामने आया है कि दोनों भाई पिछले एक साल से जाली बनाकर बेचने का काम कर रहे है।
- ये ए-4 पेपर पर ही कम्प्यूटर से प्रिंटर के जरिए नोट बनाकर निकालते है।
- पुलिस की टीम इनसे नकली नोटों के बारे में पूछताछ कर रही है।
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