हरियाणा का सबसे ऊंचा बूथ, वोटरों की सोच भी ऊंची

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एक-एक वोट के लिए तय किया 10 किलोमीटर का सफर (vote)

कालका | पहाड़ों पर रहने वाले जितनी मेहनत जीवन गुजर बसर करने में करते हैं, (vote) इससे कहीं अधिक वे मतदान करने में भी करते हैं। कोई पांच तो कोई 10 किलोमीटर का सफर पैदल नापकर मतदान केंद्र तक पहुंचा। पंचकूला जिले के कालका विधानसभा का गांव धामण हरियाणा-हिमाचल प्रदेश के बार्डर पर वादियों मं बसा है। यह प्रदेश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। 135 ढाणियों व आठ गांव कैनण, टीपरा, हरसो, सूग, चपलाना, रिवाड़ी, खरणी व धामण को मिलाकर बूथ-141 पर 725 वोटर हैं।

  • बूथ पर 331 महिला और 394 पुरुष वोटर हैं
  •  ये वे वोटर हैं, जो दोनों प्रदेशों के बार्डर पर रहते हैं,
  • रोजाना कच्चे रास्तों से आना-जाना पड़ता है।
  • यहां चुनाव में कच्चे रास्ते पक्का करना ही सबसे बड़ा मुद्दा होता है
  • यह मुद्दा वर्ष 1994 से लगातार चल रहा है।

25 मिनट बंद रही वीवीपैट, ग्रामीणों ने किया इंतजार

धामण मतदान केंद्र की वीवीपैट में तकनीकी खामी आने पर मतदान केंद्र रोकना पड़ा। मतदान अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि कुछ देर के लिए खराबी आई थी। ग्रामीण वोटर खुशीराम के अनुसार तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है, हमारे यहां वोटर काफी शांत हैं। सभी ने इंतजार किया। क्योंकि दूर दराज से यहां तक वोट डालने पहुंचे थे। अब बिना वोट डाले क्यों लौटते।

35 किलोमीटर पैदल जाते रहे हैं वोटर

90 वर्षीय तुलाराम ने बताया कि पांच-दस किलोमीटर तो बहुत छोटी बात है। वर्ष 1994 से पहले तो वे दोनों ओर 35 किलोमीटर का सफर तय कर वोट डालने जाया करते थे। न पक्के रास्ते थे और न ही सड़क। आज भी सड़क पक्की नहीं है, लेकिन मतदान केंद्र पांच किलोमीटर की दूरी पर है। फिर भी यहां मतदान में सबकी आस्था है। सरकार उनकी सुने तो गांव तक सड़कें पक्की कर दे। यही सबसे बड़ी डिमांड है।

 

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