रोष। बीते कई दिनों से मंडियों में रातें गुजारने का मजबूर हो रहे किसान | Paddy Purchase
बठिंडा(सच कहूँ/अशोक वर्मा। )। इस बार मंडियों में प्राथमिक पड़ाव पर ही धान ने किसानों को (Paddy Purchase) पूरी तरह से परेशान कर दिया है। खरीद केन्द्रों में धान की आमद एकदम तेज हो गई है। खरीद मुकाबले में खरीद प्रबंध बौने साबित हो रहे हैं। खरीद शुरू होने से लेकर आज 19वें दिन तक भी सरकारी खरीद सही तरीके से शुरू नहीं हो सकी है। किसान कहते हैं कि सरकार उप चुनाव में व्यस्त है तभी कोई उनका दुख नहीं सुन रहा है। बोली लगाने वाले आए अधिकारी सिल का बहाना लगाकर फसल सुखाने के लिए कह रहे हैं। मंडी में किसी ही ढेरी की बोली लग रही है। अन्य किसानों को तो खरीद इंस्पेक्टरों का इन्तजार है। मंडियों में फसलों की खरीद की देरी को देखते किसानों ने अपने बिस्तरे भी साथ लाने शुरू कर दिए हैं। बठिंडा की अनाज मंडी में चारों तरफ धान की फसल ही धान की फसल दिखाई दे रहा है। जब जगह नहीं बची तो किसान धान की फसल काटन यार्ड में उतारने लगे हैं। अगले दो दिनों में यह यार्ड भी पूरी तरह भरने के आसार हैं।
अधिकारियों के पास धान की फसल गीली होने से अलावा कोई बहाना नहीं
मंडी में लिफ्टिंग का काम चींटी की रफ़्तार से चल रहा है। सिर्फ सैलर मालिकों की ट्रालियां धान की फसल उठा रही हैं। पिछले कई दिनों से बैठे किसानों को जब मच्छरों ने सताया तो उन्होंने कैप्टन सरकार पर सवाल खडे कर दिए हैं। मंडी में धान की फसल लाए गांव जस्सी पौं वाली के किसान बलविन्दर सिंह का कहना था कि पूर्व विधान सभा मतदान के समय पर मुख्यमंत्री अमरिन्द्र सिंह सरकार की ओर से फसलों की समय पर सिर लिफ्टिंग को कांग्रेसी नेताओं ने बड़ा मुद्दा बनाते फसलों की निर्विघ्न खरीद यकीनी बनाने का वायदा किया था जोकि वफा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मंडियों में मच्छर काटने लगे हैं परंतु विधायकों या मंत्रियों ने किसानों की बात नहीं पूछी है। आज बठिंडा मंडी किसानों ने एक ही बात कही कि अधिकारियों के पास धान की फसल गीली होने से अलावा कोई बहाना नहीं है।
जल्द ही किया जाएगा समस्या का हल : डीसी | Paddy Purchase
डिप्टी कमिशनर बठिंडा बी श्री निवासन का कहना था कि मंडियों में धान की खरीद दौरान किसानों को कोई भी समस्या नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास फिलहाल खरीद न होने संबंधी कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने कहा कि नम वगैरह के कारण धान की खरीद में देरी हो सकती है फिर भी सम्बन्धित अधिकारियों के साथ खरीद यकीनी बनाई जाऐगी। उन्होंने बताया कि मंडियों में लिफ्टिंग भी साथ के साथ करवाई जा रही है।
कॉर्पोेरेट घराना समर्थकी नीतियों का परिणाम | Paddy Purchase
भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के राज्य प्रैस सचिव रेशम सिंह यात्री का कहना था कि वास्तव में यह देसी विदेशी कॉर्पोरेट घरानों समर्थित नीतियों का नतीजा है जिसके अंतर्गत किसान परेशान किए जा रहे हैं, जिससे वह परेशान होकर प्राईवेट व्यापारियों को फसल बेच दें। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को उप चुनाव का ध्यान छोड़कर खरीद केन्द्रों में फसल की खरीद यकीनी बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन ने यदि धान की खरीद का मसला हल न हुआ तो वह सड़कें पर उतरेंगे।
- कटार सिंह वाला के पूर्व सरपंच बंत सिंह ने बताया कि आढ़ती फर्म मार्कफैड
- धान की फसल बेचने की बात कह रही है
- जबकि इस एजेंसी का तो स्टाफ ही गायब है।
- किसानों ने बताया कि उनको गिनी मानी साजिश के अंतर्गत मंडियों में परेशान किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि मंडी में इंस्पेक्टरों की कोई पहुंच त नहीं
- सैलर मालिकों के कर्मचारी अपने ढंग के साथ खरीद करवा रहे हैं जिस कारण बोली न लगने की समस्या बनी है।
- उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल तौर पर धान की बोली लगाने का प्रबंध करे।
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