राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई अंतिम चरण में| Ayodhya Case
अयोध्या (एजेंसी)। दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या (Ayodhya Case) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर गई है। सोमवार को 38वें दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विवादित इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्जा बता रहे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से सवाल किया कि जब बाहरी हिस्से में हिंदू राम चबूतरा और सीता रसोई बनाकर पूजा करते थे, फिर यहां आपका कब्जा कैसे हुआ? इस पर धवन ने कहा कि विचित्र बात है कि सिर्फ मुस्लिम पक्षकारों से ही सवाल पूछे जा रहे हैं। दूसरे पक्ष से कोर्ट सवाल नहीं करता। जिस पर कोर्ट ने कहा कि यह टिप्पणी अवांछित है।
धवन ने दलील देते हुए कहा कि पुरातत्व एक विज्ञान है। ये कोई विचार नहीं है
राजीव धवन ने कहा कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में किसी मंदिर के ध्वस्त करने की बात नहीं कही गई है। ताला खुलने के बाद भी हिंदुओं का वहां पर कब्ज़ा नहीं रहा है। हिंदुओं के पास सिर्फ पूजा का अधिकार रहा है। धवन ने दलील देते हुए कहा कि पुरातत्व एक विज्ञान है। ये कोई विचार नहीं है। पुरातत्व विभाग का जो नोट सबूत के तौर पर कोर्ट ने स्वीकार किया, उसे कोर्ट द्वारा परखा जाना और एएसआई द्वारा उसकी सत्यता साबित किया जाना जरूरी है। इसे मुस्लिम पक्षकारों ने नकारा है। यहां किस्से कहानियों के जरिए अपना दावा किया जा रहा है। मैं किसी यात्री की डायरी या श्रद्धा या विश्वास की बात नहीं करूंगा। मैं सीधे शब्दों में कहूंगा कि विवादित स्थल पर हिंदुओं का कभी कोई एब्सोल्यूट और एक्सक्लुसिव कब्जा नहीं था।
10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू
- अयोध्या विवाद के संभावित फैसले को लेकर 10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है।
- डीएम ने जनपद में निषेधाज्ञा लगाई है।
- डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि अयोध्या विवाद के संभावित फैसले, दीपोत्सव, चेहल्लुम व कार्तिक मेले को लेकर 2 महीने तक अयोध्या जनपद में धारा 144 लागू रहेगी।
- अयोध्या फैसले को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है।
- बता दें कि दलीलों के दरवाजे इसी हफ्ते बंद हो जाएंगे और मामले पर फैसला दिवाली के बाद सुनाया जाएगा।
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