यातायात नियमों का पाठ पढ़ा रहा एएसआई हाकम सिंह | Traffic Rules
बठिंडा(अशोक वर्मा)। यदि सुरक्षित रहना है तो हमेशा यातायात के नियमों की पालना करनी जरूरी है जब भी कोई कानून भंग करता है तो न केवल उसकी अपनी जिंदगी खतरे में पड़ती है बल्कि वह दूसरे के लिए भी खतरा बनता है इसलिए सड़कों पर सफर दौरान कायदे कानून मानने की जरूरत है। सड़क हादसों में मौत के मुंह में जाती जिंदगी से चिंतित बठिंडा पुलिस के ट्रैफिक एजुकेशन सेल के इंचार्ज एएसआई हाकम सिंह की यही नसीहत है जोकि पिछले कई वर्षों से स्कूलों, कॉलेजों, ट्रक आॅपरेटरों, आटो रिक्शा यूनियनों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान डालता आ रहा है।
एएसआई हाकम सिंह का कहना है कि यदि लोग नियम मानने लग जाएं तो आधी से अधिक समस्याएं तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगी। एक साधारण परिवार में जन्मा हाकम सिंह साल 1989 में पुलिस में सिपाही भर्ती हुआ था उसकी ट्रैफिक नियमों प्रति काबलीयत को देखते अधिकारियों ने उसे ट्रैफिक एजुकेशन सेल का इंचार्ज बनाया दिया। कुछ समय पहले उसे एएसआई के तौर पर तरक्की दी गई है। अब तक वह पुलिस की चेतना मुहिम दौरान हजारों लोगों को जागरूक कर चुका है।
पूरी विनम्रता के साथ ट्रैफिक नियम समझाना अब उस का जुनून बन चुका है। बठिंडा जिले के स्कूलों में भी उसने विद्यार्थियों में नियमों की पालना को लेकर उत्साह पैदा किया है। एक अध्यापक की तरह विद्यार्थियों को ट्रैफिक के चिन्हों का महत्व बताता हुआ कानून मानने की प्रेरणा देता है। हाकम सिंह की प्रशंसनीय सेवाओं को देखते जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित भी किया जा चुका है। हाकम सिंह ने बताया कि लोग कानून मानें बस यही उसके लिए बड़ा मान-सम्मान है।
यातायात नियमों की पालना नहीं करते लोग
विदेशों में लोग यातायात को सुचारू रूप में चलाने के लिए बने नियमों की पालना को अपना पहला फर्ज समझते हैं जबकि बठिंडा में तो बिल्कुल इस के उलट है। लोग रेड लाईट जम्प, तेज रफ़्तार में ड्राइविंग, ओवरलोड, बिना कागज पत्र के वाहन चलाने और ओर नियम भंग करने को शान मानते हैं। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर सड़कों किनारे खड़े आॅटो चालक व बसें के सवारी उठाने के लिए कोई पकी जगह तय न होने जैसे कारणों को दूर करने से भी सुधार लाया जा सकता है। एएसआई हाकम सिंह ने लोगों से अपील की कि वह कानून की पालना कर अपना सफर सुरक्षित बनाएं इसमें ही सभी की भलाई है।
ट्रैफिक एजुकेशन सेल की बड़ी भूमिका : एसएसपी | Traffic Rules
सीनियर पुलिस कप्तान बठिंडा डॉ. नानक सिंह का कहना था कि बठिंडा पुलिस के ट्रैफिक एजुकेशन सेल की जिला पुलिस की तरफ से चलाए जाते चेतना कार्र्यक्रम में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नि:संदेह पुलिस अपने तरफ से ट्रैफिक को सुचारू रूप में चलाने के लिए प्रयास करती है परन्तु आम लोग भी इस मसले के साथ निपटने के लिए सहयोग दें तो समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
प्राथमिक शिक्षा में शामिल हो ट्रैफिक का सिलेबस | Traffic Rules
- टैÑफिक एजुकेशन सेल के इंचार्ज हाकम सिंह का कहना है ।
- यदि मुकम्मल सुधारों की तरफ बढ़ना है तो प्राथमिक शिक्षा में ट्रैफिक नियमों
- को सिलेबस के तौर पर शामिल करना होगा ।
- उन्होंने माना कि में यातायात प्रबंधों के बिगड़ने में आम लोग और सरकारी तंत्र बराबर के जिम्मेदार हैं।
- इस लिए हर किसी को अपनी जिम्मेदारी पहचाननी होगी नहीं तो बिगड़ा ढांचा दुरुसत होना मुश्किल है।
अंग्रेजी की ‘ई’ के आसपास घूमती है ट्रैफिक व्यवस्था
- ट्रैफिक एजुकेशन सेल के इंचार्ज हाकम सिंह का ट्रैफिक बारे समझाने का तरीका बड़ा सरल और साधारण है।
- उसने बताया कि समूह ट्रैफिक अंग्रेजी की ‘ई’ आसपास घूमती है।
- पहली ‘ई’ इंजनियरिंग विंग है, जिसने लोगों की सुविधा के लिए सड़कें बनानी हैं
- दूसरी ‘ई’ एजुकेशन की है, जिसका अर्थ यातायात नियमों संबंधी जानकारी है।
- इसी तरह तीसरी ‘ई’ के मायने ‘इनफोरसमैंट’ है इसका मतलब है कि यदि लोग नियम नहीं मानेंगे
- तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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