नगर निगम ने चलाई हरी पट्टी पर कुल्हाड़ी, हरे-भरे वृक्षों की काटी बड़ी टहनियां| Tree
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वृक्षों की कटाई के लिए संबंधित विभाग से नहीं ली गई स्वीकृति
- बठिंडा में लाखों रूपये खर्च कर किया गया था हरी पट्टी का निर्माण
बठिंडा(सच कहूँ/अशोक वर्मा)। बठिंडा की डॉक्टर मेला राम रोड से इंम्परूवमैंट ट्रस्ट तक सड़क के साथ बन रही हरी पट्टी पर कुल्हाड़ी चला दी गई है। नगर निगम की ओर से ऐसा धनाढ्य लोगों महंगी कारें आदि के लिए किया गया है जोकि अंधेरी बारिश के मौसम में कोई बड़ी टाहनी गिरकर उनकी कार को क्षतिग्रस्त न कर दे। इसके अलावा गर्मियों व पतझड़ के पत्तों के कारण गन्दगी बिखर जाती थी। इस तरफ कई कॉलोनियां इम्परूवमैंट ट्रस्ट की ओर से बनाई गई हैं, जिनमें कई वर्ष पहले लाखों रूपये खर्च कर हरी पट्टी का निर्माण किया गया था।
इस ग्रीन बैल्ट में नीम आदि के छायादार पेड़ भी शामिल हैं, जिस कारण गर्मियों में तापमान बहुत ही कम रहता था। वृक्षों की कटाई के लिए स्वीकृति लेना बहुत ही आवश्यक होता है, लेकिन नगर निगम की तरफ से उसे भी जरूरी नहीं समझा गया। सूत्र बताते हैं कि जुबानी कलामी आदेशों पर ही इस तरफ स्थापित कॉलोनी की दिशा संवारने के लिए नगर निगम द्वारा हरी पट्टी पर कुल्हाड़ा चलाया गया है। करीब डेढ़ दर्जन हरे-भरे पेड़ों की कटाई का काम बीते तीन-चार दिनों से चल रहा है।
यह पेड़ काफी ऊंचे व लम्बे थे, जिस कारण दूर से इस कॉलोनी में बनी आलीशान कोठियां नजर नहीं आती थी। यह वृक्ष कोठियों की दिशा में अड़चन बन रहे थे, जिस कारण इनकी कटाई के आदेश दिए गए हैं। बठिंडा में पहले ही हरियाली की भारी कमी है। पहले शहर में से निकलते राष्टÑीय मार्च पर डिवाईडर बना दिए गए तब सड़क चौड़ी करने के लिए सड़क के दोनों तरफ से पेड़ों की कटाई कर दी गई। नगर निगम ने पक्के फु टपाथ तो बना दिए लेकिन काटे गए वृक्षों की जगह नए पौधे नहीं लगाए।
नगर निगम ने बिना वजह पेड़ों पर चलाई कुल्हाड़ी : जिंदल | Tree
सामाजिक कार्यकर्त्ता व पैरेंट्स राईट्स एसो. के जनरल सचिव संजीव जिंदल का कहना है कि रिहायशी क्षेत्र में स्थित यह हरे-भरे पेड़ छाया व प्रदूषण के पक्ष से वरदान बने हुए थे। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखे बिना नगर निगम ने हरे भरे व मोटे टहनियों पर आरा चला दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कटाई की जगह वन पट्टी को ओर अधिक हरा भरा बनाया जाता तो इससे क्षेत्र को चार चांद लग सकते थे व प्रदूषण भी कम हो जाना था। उन्होंने कहा कि वृक्षों की कटाई इस हिसाब से की जाए कि हरियाली कम से कम प्रभावित हो।
नगर निगम की मलकीयत में दखल नहीं : डीएफओ | Tree
- डिवीजनल वन अधिकारी स्वर्ण सिंह ने कहा कि जिस जगह से वृक्षों की कटाई की जा रही हैैं।
- वह नगर निगम की मलकीयत है, जिस कारण वह दखल नहीं दे सकते हैं।
- उन्होंने बताया कि वृक्षों की कटाई नगर निगम द्वारा ही करवाई जा रही हो सकती है।
- उन्होंने माना कि पर्यावरण पक्ष से हरी पट्टी को कम से कम काटा जाना चाहिए।
- लेकिन यहां किस कारण से वृक्षों की कटाई की जा रही है यह तो नगर निगम के अधिकारी ही बता सकते हैं।
कटाई नहीं सिर्फ छंगाई : इंजीनियर | Tree
नगर निगम बठिंडा के निगरान इंजीनियर संदीप गुप्ता का कहना था कि वृक्षों की कटाई नहीं सिर्फ छंगाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि कई टहनियां यातायात में अड़चनें पैदा कर रही थी तब ही उनको हटाया जा रहा है और बड़े टाहने काटने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। सामाजिक नेताओं ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो उनको भी सड़क से निकलती गाड़ियों के आगे बड़ी टहनियां अड़चने बनते होने की बात कही गई है, वहीं दूसरी तरफ बेवजह पेड़ों को काटा जा रहा है जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है।
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