जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में खोले जाने का खाका तैयार | Military Recruitment
जयपुर (एजेंसी)।राजस्थान की गहलोत सरकार अब युवाओं को सेना में भर्ती के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासेस ( Military Recruitment ) लगवायेगी। इन क्लासेज़ में पूर्व सैन्य अधिकारी प्रशिक्षण देंगे। सरकार ने इन निशुल्क कोचिंग सेंटर्स को सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में खोले जाने का खाका तैयार किया है। जल्द ही इस तरह के कोचिंग सेंटर्स प्रदेश के सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में शुरू होंगे। सरकार की योजना के अनुसार युवाओं को निःशुल्क कोचिंग के जरिए प्रशिक्षण देकर सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही इन कार्यालयों में सैनिकों के आश्रितों, आगन्तुकों के बैठने, स्वच्छ पेयजल, शौचालय जेसी आधारभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने गुरूवार को शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में प्रदेशभर के जिला कल्याण अधिकारियों की बैठक में ये निर्देश दिए हैं।
ये है सरकार की प्लानिंग | Military Recruitment
- – जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में खोले जाएंगे कोचिंग सेंटर्स
- – कार्यालय में स्थान नहीं होने पर स्थानीय कॉलेज
- -विद्यालय से टाइअप करके वहां लगाएंगे कोचिंग क्लासेज़
- – प्रशिक्षक के रूप में पूर्व सैनिकों का लिया जाएगा सहयोग, निःशुल्क और सहर्ष सेवाएं लेने पर रहेगा फोकस
- – संसाधनों की कमी के लिए भामाशाह का भी लिया जाएगा सहयोग
युवाओं को सेना भर्ती के लिए करें प्रोत्साहित| Military Recruitment
खाचरियावास ने बताया कि सेना भर्ती में मेवाड़ क्षेत्र के युवाओं की रूचि कम हो रही है। ऎसे में उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर जिलों के युवाओं को सेना में भर्ती के प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इन जिलों में वे स्वयं पहुंचेंगे और कैम्प कर युवाओं से सीधे संवाद करेंगे। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा और उनकी सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।सैनिक कल्याण मंत्री खाचरियावास ने स्कूली पाठ्यक्रम में सेना भर्ती, सेना की रेंक्स, अब तक लडे़ गए युद्ध, अवार्ड प्राप्त करने वाले सेनिकों एवं शहीदों की गाथाएं एवं सेना सम्बन्धी अन्य जानकारियां शामिल किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंंने इसके लिए एक कमेटी गठित किए जाने के निर्देश दिए।
सैनिकों-शहीद परिजनों को मिलेगा पूरा सम्मान| Military Recruitment
खाचरियावास ने कहा कि सैनिक और शहीदों के परिवार पूरे सम्मान के अधिकारी है और उन्हें सैनिक कल्याण कार्यालय में प्रवेश करने पर यह सम्मान का भाव नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण कार्यालय को अन्य सरकारी कार्यालयों से अधिक संवेदनशील होना चाहिए। कार्यालय में आने वाले हर आगन्तुक को स्नेह से बिठाकर उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं माह में एक बार सैनिकों एवं शहीदों के आश्रितों की समस्याओं की सुनवाई करेंगे।
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