भारतीय जवान बुधवार को पेनगॉन्ग लेक के उत्तरी हिस्से में पेट्रोलिंग पर थे, यह क्षेत्र भारतीय सीमा में है
- भारतीय सेना ने कहा- टकराव के बाद चीन के साथ ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग हुई
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए। सेना के सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को भारतीय सैनिक पेनगॉन्ग लेक के उत्तरी हिस्से में पेट्रोलिंग पर निकले थे, जिसका चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विरोध किया। इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग हुई। इसमें चीनी सैनिक पीछे हटने के लिए तैयार हो गए और टकराव खत्म हुआ। चीन लगातार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का उल्लंघन करता रहा है। उसके सैनिकों ने पिछले साल जुलाई में लद्दाख के उत्तरी हिस्से में घुसपैठ कर तंबू लगा दिए थे।
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा है कि हमारे जवान भारतीय सीमा में थे। इसलिए चीन की आपत्ति के बाद भी वहां डटे रहे। पेनगॉन्ग लेक का काफी हिस्सा विवादित है। इसका दो तिहाई हिस्सा चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है। बाकी भारतीय सीमा में है। इस झील की सीमा की लंबाई करीब 134 किलोमीटर है। चीन को झील के उत्तरी हिस्से में भारतीय जवानों की मौजूदगी पर ऐतराज था। दोनों सेनाओं के बीच हुई फ्लैग मीटिंग में चीनी पीछे हटने को तैयार हो गया।
चीन सीमा के पास अक्टूबर में 5 हजार भारतीय जवान युद्धाभ्यास करेंगे
सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के पांच हजार से अधिक जवान अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश की चीन से सटी सीमा के पास युद्धाभ्यास करेंगे। हाल ही में थल सेना और वायु सेना की चार कॉर्प्स को मिलाकर 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का गठन किया गया है। इन जवानों को बाद में देश की पूर्वी सीमा पर तैनात किया जाना है। चीन की सीमा पर पहली बार इस तरह का युद्धाभ्यास होगा। सूत्रों ने बताया कि 17 माउंटेन कॉर्प्स का गठन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की सैन्य नवीनीकरण की प्रक्रिया के तहत किया गया है। माउंटेन कॉर्प्स को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए इसमें एक यूनिट इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीजी) की बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य युद्धाभ्यास को अधिक प्रभावी बनाना है।
कश्मीर मुद्दे पर चीन पाकिस्तान के साथ
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का चीन विरोध कर रहा है। वह कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का साथ दे चुका है। दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में साफ कर चुके हैं कि जब जम्मू-कश्मीर की बात होगी तो उसने पाक के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और चीन के कब्जे वाला अक्साई चीन भी शामिल होगा। ये दोनों क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के अभिन्न अंग हैं।