हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स में अस्थायी कोर्ट बनाया गया
कोर्ट में बाहरी व्यक्ति या मीडिया को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली एम्स में भर्ती उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए बुधवार को यहां जज पहुंचे। एम्स के जेपी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में अस्थायी कोर्ट बनाया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल में ही जाकर पीड़िता का बयान दर्ज करने की ट्रायल कोर्ट को मंजूरी दी थी। तिहाड़ जेल में बंद आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी इस कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस विशेष अदालत में बाहरी व्यक्ति या मीडिया को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं है। अदालत में किसी तरह की ऑडियो या वीडियो रिकार्डिंग भी नहीं होगी। 28 जुलाई को उन्नाव में एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को 5 अगस्त को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी।
पीड़िता ने विधायक कुलदीप पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया
इससे पहले 5 सितंबर को सीबीआई ने एम्स में ही पीड़िता का बयान दर्ज किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पीड़िता ने कहा था, ‘कुलदीप सेंगर ने ही एक्सीडेंट में मुझे मारने की साजिश रची थी।’ पीड़िता ने यह भी बताया था कि विधायक सेंगर का गुर्गा उन्नाव कोर्ट परिसर में आकर अक्सर जान से मारने की धमकी देता था।
9 दिन में पूरी करनी है सीबीआई को हादसे की जांच
1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता से संबंधित सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे। साथ ही, कोर्ट ने पीड़िता के साथ हुए हादसे की जांच 14 दिन में पूरी करने का सीबीआई को आदेश दिया था। पीड़िता की हालत में सुधार न होने के कारण कोर्ट ने 19 अगस्त को दो हफ्तों और फिर 6 सितंबर को और दो हफ्तों का समय दिया है। यानी अब सीबीआई के पास जांच पूरी करने के लिए महज नौ दिन बचे हैं। सीबीआई की 20 सदस्यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है।
आरोपी विधायक पर तय हो चुके हैं आरोप
दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट विधायक कुलदीप, उसके भाई अतुल, यूपी पुलिस के तीन कर्मियों और पांच अन्य लोगों पर आरोप तय कर चुकी है। 9 अप्रैल 2018 को उन्नाव में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
वहीं, 9 अगस्त को कोर्ट ने कहा था कि विधायक सेंगर के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे तय होता है कि उसने दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने विधायक सेंगर पर आईपीसी की धारा 120 बी, 363, 366, 109, 376 (आई) और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं।
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