कई बार बैठी जांच कमेटी, विभागीय अधिकारियों ने रिकवरी तक सीमित रखी कार्रवाई
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। जिला के नागरिक अस्पताल में स्थित जन्म-मृत्यु पंजीकरण व मेडिकल शाखा में नियुक्त दो कर्मचारियों द्वारा सरकारी राशि से करीब 7 लाख रुपए के गबन का मामला सीएम विंडो पर दी गई शिकायत की जांच में उजागर हुआ है। हैरानी की बात ये है कि पिछले करीब डेढ़ साल से अधिकारियों की टेबल पर कागजों में चल रही जांच सिवाय रिकवरी से आज तक आगे नहीं बढ़ पाई है।
अधिकारियों की शह पर कर्मचारी कमल किशोर, कंप्यूटर सहायक (एनएचएम) व लक्ष्मण ने शिकायत होने पर चुपके से विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ कर हेरफेर की गई राशि सरकारी खाते में जमा करवा दी। करीब तीन सालों तक जीरो टोलरेंस का नारा देने वाली प्रदेश सरकार में अधिकारियों की नाक तले सरकारी राशि के गबन का खेल चलता रहा, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस दिशा में गौर करना उचित नहीं समझा। सीएम विंडो पर दी गई शिकायत का एक माह में निपटान किए जाने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने पिछले डेढ़ साल से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला हुआ है।
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ये है पूरा मामला
जिला नागरिक अस्पताल में जन्म-मृत्यु पंजीकरण एवं मेडिकल शाखा में कमल किशोर कंप्यूटर सहायक एनएचएम व लक्ष्मण रसीद काटने का कार्य करते रहे हैं। दोनों ने वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2018 तक रसीद काटने का कार्य किया। इस दौरान जो राशि एकत्रित होती थी, वो रोजाना विभाग के खाते में जमा करवानी होती थी, लेकिन उक्त दोनों कर्मचारियों ने करीब 7 लाख रुपए की राशि विभाग में जमा करवाने की बजाय खुद हड़प ली। शिकायत के बाद जब विभागीय टीम ने 2 वर्षों की जांच के दौरान पाया कि दोनों ने करीब 7 लाख रुपए की राशि का हेरफेर किया है।
जागरूक नागरिक राजबीर ने इस पूरे मामले की शिकायत सीएम विंडों पर की थी। सीएम विंडो की शिकायत पर मामले की जांच के लिए अस्पताल के ही अधिकारियों की कमेटी बना दी गई। एक नहीं, कई बार जांच कमेटी बनी, पहले तो दोनों कर्मचारी कार्रवाई से बचने के लिए जांच में शामिल होने से कतराते रहे। दोनों द्वारा जो रिकॉर्ड जांच कमेटी को उपलब्ध करवाया गया, उसमें काफी अंतर पाया गया, जिससे ये साफ हो गया कि दोनों ने गड़बड़ की है।
किसी कारणवश राशि सरकारी खाते में जमा नहीं करवाई गई थी। जो राशि बनती है, वो जमा करवा दी गई है। उन्होंने कोई गबन नहीं किया है।
-लक्ष्मण व कमल किशोर कर्मचारी जिला नागरिक अस्पताल सरसा।
मैंने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है। जांच में दोनों कर्मचारियों द्वारा करीब 7 लाख रुपए का हेरफेर सामने आया है। आगामी कार्रवाई सीएमओ व डीजी द्वारा ही की जानी है।
-डॉ. नरेश सहारण, एसएमओ व जांच कमेटी अधिकारी।