अनुकरणीय। रक्षा बंधन के एक दिन बाद कर्मजीत कौर इन्सां ने दान की किडनी
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भीम राम को सफलतापूर्वक हुआ किडनी प्रत्यारोपण, सेहत में हो रहा सुधार
फतेहाबाद/टोहाना (सुरेन्द्र गिल/सच कहूँ)। यूं तो भाई रक्षाबंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवाकर उपहार देने के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं, मगर चंडीगढ़ पीजीआई में एक बहन ने अपने भाई के लिए जो किया, वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। फतेहाबाद जिले में टोहाना क्षेत्र के गाँव जमालपुर की निवासी 36 वर्षीय कर्मजीत कौर इन्सां ने अपने 28 वर्षीय छोटे भाई भीम राम की जान बचाने के लिए रक्षाबंधन के एक दिन बाद 16 अगस्त को चंडीगढ़ पीजीआई में अपनी किडनी का उपहार देकर उसे जीवनदान दे दिया।
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भीम राम पुत्र रंगा राम के जीवन में सब कुछ सामान्य चल रहा था
इसी बीच एक शादी समारोह के दौरान उनकी छाती में दर्द हुआ। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्होंने डॉक्टरों से उपचार करवाया तो पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थी। दो मासूम बच्चों के पिता भीम राम के लिए ये बेहद मुश्किल भरा वक्त था। तत्पश्चात डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दी। यह क्रम लगभग तीन साल तक चला और फिर एक दिन ऐसा आया जब भीम राम की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई। पूरा परिवार बहुत परेशान था। उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट को उसके जीवन के लिए खतरा बता दिया था।
ऐसे हालात में सैंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल, सरसा में सेवारत बड़ी बहन कर्मजीत कौर इन्सां ने अपनी किडनी भीम राम को देने की बात कही। हालांकि डॉक्टर पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट आॅप्रेशन को भीम राम के लिए खतरा बता चुके थे। तब चंडीगढ़ पीजीआई में कर्मजीत कौर इन्सां ने अपने भाई के लिए अपनी एक किडनी दान की, जो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कठिन प्रयासों से सफलतापूर्वक उनके भाई भीम राम को प्रत्यारोपित की। अब भीम राम की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। वहीं अपने भाई को नया जीवन देकर कर्मजीत कौर इन्सां भी बेहद प्रसन्न हैं।
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पूज्य गुरु जी के वचनों से मिली प्रेरणा
कर्मजीत कौर इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें सिखाया है कि किसी जीव का जीवन बचाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। बस इन्हीं वचनों से मुझे अपने भाई का जीवन बचाने का हौंसला मिला।
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मुझे अपनी बहन पर गर्व : भीम राम
भीम राम ने कहा कि मुझे अपनी बहन कर्मजीत कौर इन्सां पर गर्व है। आज उसकी बदौलत ही मुझे नया जीवन मिला है। उन्होंने कहा कि बड़ा दु:ख होता है जब कुछ लोग बेटियों को कमतर आंकते हैं। मेरी बहन ने ये साबित कर दिया है कि बहन-बेटियां परिवार के मुश्किल वक्त में मदद के लिए सबसे आगे रहती हैं।