परेशानी। श्रम विभाग की अंत्योदय आहार योजना के समय को लेकर असमंजस
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जब लोगों को भूख लगती है तो बंद मिलता है आहार केंद्र
संजय मेहरा/सच कहूँ
गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम…अमीरों के इस शहर में गरीबों की भी कमी नहीं है। स्थानीय और बाहरी लोग यहां निम्न स्तर का जीवन जी रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी जुटाना कठिन है। ऐसे में सरकार की ओर से गुरुग्राम समेत हरियाणा भर में अंत्योदय आहार योजना के अंतर्गत खाने के रियायती भोजनालय शुरू किए गए थे। गुरुग्राम में ऐसे दो केंद्र हैं। लेकिन यहां पर खाने का समय सही नहीं होने के कारण जरूरतमंदों को भूखे ही रहना पड़ता है या फिर किसी तरह से महंगा खाना खाकर पेट भरना पड़ता है।
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श्रम विभाग के शहर में दोनों अंत्योदय आहार योजना के तहत शुरू किये गये रियायती भोजनालयों का निरीक्षण किया
दोपहर से पहले करीब सवा 11 बजे हम यहां खांडसा रोड स्थित अंत्योदय आहार केंद्र के रियायती भोजनालय पर पहुंचे। वहां दो दरवाजे हैं और दोनों की अंदर से बंद थे। जब बार-बार दरवाजे खटखटाये गये तो अंदर से एक युवक ने दरवाजा खोला। हमने कहा कि खाना खाने आये हैं। उसने कहा कि खाने का टाइम 7 से 11 बजे तक का है। खाने का ऐसा समय तय किसने किया, इस बारे में पूछने पर उसने कहा कि ऊपर से ही यह टाइम दिया गया है। साथ ही उसने यह भी बताया कि यह समय सिर्फ गुरुग्राम में ही है। बाकी जिलों में तो 11 से 3 बजे तक खाना मिलता है। यहां ऐसा क्यों है, इसका उसे कुछ नहीं पता। वह अपने ठेकेदार के कहने पर काम करते हैं।
इसके बाद भीम नगर में बने दूसरे अंत्योदय आहार केंद्र का दौरा किया तो वहां पर ताला लटका मिला। कोने में बने एक कमरे के पास एक महिला थी, उससे हमने खाने के बारे में पूछा तो उसने भी यही जवाब दिया कि खाना तो 11 बजे तक ही मिलता है। अब तो कल ही मिलेगा। खाने का यह शेड्यूल गले नहीं उतरा। सरकार ने जरूरतमंदों के लिए सुविधा भी शुरू की, लेकिन शेड्यूल ऐसा किसने बनाया, जिससे कि न तो ब्रेक फास्ट ही कहा जा सकता है और न ही लंच।
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अगर जरूरत पड़ी तो दो समय करा देंगे: रविंद्र मलिक
इस बाबत पूछे जाने पर श्रम विभाग के उपनिदेशक रविंद्र मलिक ने कहा कि लोगों की मांग पर ही यह समय किया गया है। अगर लोग चाहते हैं कि समय में बदलाव किया जाये या फिर खाना दो समय दिया जाये तो उस पर भी हाल ही में होने वाली बैठक में विचार किया जायेगा। इससे पहले ट्रायल बेस पर दो-चार दिन मौका भी देखेंगे। फिर जैसी स्थिति सामने आयेगी, उस पर विचार किया जायेगा।