दफ्तरों के चक्कर काटने से जनता को मिलेगी मुक्ति
- अधिकारी घर आकर लेंगे सूचनाएं, मिलेंगी सुविधाएं
चण्डीगढ़ (अश्वनी चावला/सच कहूँ)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग कर सरकारी विभागों व योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पारदर्शी व सरल तरीके से पहुंचाने की की गई पहलों में आज एक और नया अध्याय जुड़ गया जब उन्होंने हर परिवार की अलग पहचान के लिए परिवार पहचान पत्र पोर्टल का शुभारंभ किया। आज यहां हरियाणा निवास में सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्टल लॉच करने के बाद एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड की तरह ही पूरे परिवार की एक अलग पहचान होगी, जिसमें परिवार के मुखिया का नाम सबसे ऊपर होगा।
जन्म के साथ ही इसमें परिवार के सदस्य का हो नाम जाएगा शामिल
जब लड़की शादी होगी तो उसका नाम ससुराल के परिवार में शामिल कर दिया जाएगा और पहले वाला काट दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए परिवार के मुखिया को अटल सेवा केन्द्र या अन्त्योदय सेवा केन्द्र में अपने परिवार के पूरे ब्यौरे के साथ फार्म हस्ताक्षर के साथ जमा करवाना होगा, जिसे विभागों द्वारा अपडेट किया जाएगा और अपडेट करने के बाद व्यक्ति को दो प्रिंट लेने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि अपडेट के लिए पोर्टल पर सर्च करना अति आसान होगा। नाम या पिता का नाम डालते ही उस पर आॅपशन आएगा और इसे भरा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले हमने हरियाणा नागरिक डाटाबेस तैयार करने के प्रस्ताव पर कार्य किया था, परंतु उसमें आधार लिंक अनिवार्य था, बाद में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद कि आधार कई मामलों में अनिवार्य नहीं किया जा सकता, इसलिए उस प्रस्ताव को बीच में ही स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 25 दिंसबर, 2014 को सुशासन दिवस पर ई-रजिस्टरी आन लाइन की सेवाएं आरंभ की थी और अब लगभग 17 विभागों की 495 सेवाएं व योजनाएं आनलाइन उपलब्ध हैं।
व्यक्ति नहीं परिवार समृद्धि पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य व्यक्ति की बजाय परिवार समृद्ध हो, इस पर जोर है। उन्होंने कहा कि आज योजनाओं की जानकारी व लाभ लेने के लिए लोग सरकारी कार्यालयों में आते हैं, परंतु आने वाले समय में हम योजनाएं लोगों को घर देने जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता आई है, समाज में समरस्ता बढ़ी है, आर्थिक आधार को भी परिवार पहचान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, परिवार के मुखिया की चल-अचल संपत्ति जैसे कि उसके नाम गाड़ी, मकान या जमीन इत्यादि का ब्यौरा भी होगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को सुखी और सुरक्षित रखने के लिए उनके परिवार पहचान-पत्र बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रही है। इस परिवार पहचान-पत्र के बनने से न केवल लाभार्थियों को विभिन्न नागरिक केन्द्रित सेवाओं की स्व:चालित प्रदायगी सुनिश्चित होगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। सभी परिवारों का डाटाबेस तैयार होने से समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगा। पहचान-पत्र बनने से सरकार को भी आमजन के लिए विकास नीतियां और कल्याणकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
पात्र होते ही स्वयमेंव मिलेगा योजनाओं का लाभ
उन्होंने कहा कि इस परिवार पहचान पत्र से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिस दिन कोई व्यक्ति जिस योजना या स्कीम का लाभ प्राप्त करने का पात्र हो जाता है, उसे उसी दिन से उसका लाभ मिलने लगेगा। उदाहरण के तौर पर, जिस दिन कोई व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तो वह वृद्धावस्था पेंशन पाने का पात्र होगा। इसी प्रकार जैसे ही कोई युवा 18 वर्ष की आयु का हो जाता है, तो वह मतदान देने का पात्र होगा। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान-पत्र के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त को जिला रजिस्ट्रार नामित किया गया है जो परिवार पहचान-पत्र बनाने के कार्य पर निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित करें कि परिवार पहचान-पत्र का कार्य समयबद्ध तरीके से शत-प्रतिशत पूरा हो। जिला रजिस्ट्रार 500 परिवार पंजीकरण केन्द्रों की पहचान करे।
इस अवसर पर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू, अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसान ने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, उप-प्रधान सचिव वी ऊमाशंकर, अतरिक्त उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।