शीला दीक्षित का निधन शनिवार 4 बजे कॉर्डियक अरेस्ट से हुआ था
वे लंबे वक्त से बीमार चल रही थीं, पिछले साल फ्रांस में सर्जरी भी हुई
नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (81) का अंतिम संस्कार रविवार दोपहर 2.30 बजे निगम बोध (Delhi: Sheila Dikshit paid tribute to Sonia and Priyanka at Congress headquarters funeral at 2.30 pm) घाट पर होगा। इससे पहले उनकी पार्थिव देह कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई। यहां सोनिया और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोनिया ने कहा कि वह मेरी बड़ी बहन और दोस्त थीं। हमेशा मुझे उनका समर्थन मिला। शनिवार दोपहर राजधानी के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में कॉर्डियक अरेस्ट से दीक्षित का निधन हो गया था। वे 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 10 जनवरी को उन्हें दिल्ली की कमान सौंपी थी।
प्रधानमंत्री मोदी-केजरीवाल ने दी श्रद्धांजलि दी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार देर शाम पूर्वी निजामुद्दीन स्थित दीक्षित के आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। उधर, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
शीला जी कांग्रेस की बेटी थीं: राहुल गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ”शीला जी के निधन से दुखी हूं। वह मुझे बहुत प्यार करती थीं। दिल्ली और देश के लिए उन्होंने जो किया उसे हमेशा याद रखा जाएगा। वह पार्टी की बड़ी नेता थीं।” राहुल ने उन्हें कांग्रेस की बेटी बताया। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही शीला जी से मिला था। वह मेरी मां जैसी थीं।
लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी से हार मिली थी
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि, उन्होंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था। वे इस साल उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं। हालांकि, उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी के सामने हार मिली।
1998 में मिली थी दिल्ली की कमान
शीला पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय थीं, लेकिन लगातार 4 लोकसभा चुनाव हारने के बाद 1998 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी दी। शीला ने चुनाव में पार्टी की कमान संभाली और चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 2013 तक तीन कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री पूरे किए थे।
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