MSG Health Tips: मिटेंगी बीमारियां, मिलेगा सेहत का खजाना

Your health our concern Sach Kahoon

अतिव्यस्त दिनचर्या होने कारण लोग अपने खाने में न तो जरूरी तत्वों की तरफ ध्यान रख पाते हैं और न ही शारीरिक व्यायाम के लिए समय दे पाते हैं। भागदौड़ के इस आधुनिक युग में आज आम इंसान फास्ट फूड पर निर्भर होता जा रहा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। एक तरफ आज हम संतुलित आहार को नजर-अंदाज करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हमारे खाना खाने के अनुचित तरीके भी बीमारियों का कारण बनते हैं।

ऐसे में क्या किया जाए कि जो हमारा शरीर स्वस्थ रहे तो आपको इसका पक्का हल देते हैं। हम आपको ऐसी विधियां, टिप्स देने जा रहे हैं जो खुद पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा बताई गई हैं। ऐसे में आप निश्चिंत होकर इन पर विश्वास कर सकते हैं। ये विधियां सही तरीके से अपनाई जाएं तो इनका भरपूर फायदा मिलता है।

भूख लगने पर ही खाएं

कुछ लोग स्वाद लेने के लिए बार-बार खाना खाते हैं। पहले का खाना पचा नहीं कि दोबारा खा लिया। ऐसा करने से पेट की बीमारियां शुरू हो जाती हैं और खाना अच्छे से पच नहीं पाता है।

व्यायाम करने के तुरंत बाद न खाएं

वर्कआउट या एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद खाना न खाएं। शरीर को सामान्य तापमान में आने दें, उसके बाद ही खाना खाएं।

खाना पीओ और पानी खाओ

आयुर्वेद में भी आता है कि खाने को इतना चबाओ कि वह बिल्कुल पानी की तरह हो जाए और पानी को घूंट-घूंट करके बहुत धीरे-धीरे पीना चाहिए। आपके बहुत सारे रोग इस बात को अपनाने मात्र से ही खत्म हो जाएंगे। ऐसा खाना खाने से कभी कब्ज नहीं होगी, फ्रैश सही ढंग से होंगे और आपके शरीर में जो भी विटामिन, खनिज लवण जा रहे हैं, वो आपके शरीर की अच्छी तरह से रिपेयर करेंगे, आपके शरीर की डिमांड को पूरा करेंगे, नहीं तो आँतों का जोर लगता रहता है और वो पूरी चीज़ का असर उठा ही नहीं पाती और वैसा ही अपच खाना बाहर आ जाता है। वर्कआउट या एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद खाना न खाएं। शरीर को सामान्य तापमान में आने दें, उसके बाद ही खाना खाएं।

खाने से पहले हाथ धो लें

भोजन से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धो लें ताकि हाथों में मौजूद बैक्टीरिया आपके खाने के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर नुकसान न पहुंचाएं।

घी का सेवन

पंजाबी की यह कहावत बिल्कुल सही है। घी खाना गलत नहीं है लेकिन घी खाकर बैठना या खुर्राटे मारना गलत है। मेहनत जरूरी है। अब तो सार्इंस भी इस बात को मान चुकी है कि देशी घी ही पॉवर का सबसे बढ़िया स्रोत है। घी सेहत के लिए अच्छा है पर उसके बाद शारीरिक मेहनत करना जरूरी है ताकि मोटापा न आए। घी, दूध, मक्खन, दही जितना मर्जी खाओ। घी खाओगे तो उससे पेट कम होता है। इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो पेट को कम करते हैं। घी, दूध आदि वस्तुएं पाचन क्रिया को बढ़ाती हैं। घी शरीर को सुदृढ़ बनाता है, पर अगर आपको घी खाने की आदत नहीं है, तो पहले थोड़ी मात्रा में खाएं। कभी भी घी में कोई चीज़ तलकर मत खाएं।

घी कच्चा खाना चाहिए। आप इसे हल्का सा गर्म कर सकते हैं और फिर सब्जी, दूध या चपाती पर डाल कर खा सकते हैं।  गाय का घी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। गाय के दूध में बहुत ताकत होती है, वहीं यह दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ाता है। गाय के मूत्र के सेवन से कई बीमारियां नजदीक नहीं आती।

बैठकर खाना खाएं

भोजन बैठकर ही खाएं, क्योंकि चलते-चलते खाना खाने से पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। बैठकर खाते समय हम सुखासन की स्थिति में होते हैं, जिससे कब्ज, मोटापा, एसिडिटी आदि पेट संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं।

खाना खाने का ढंग

खाना खाते समय आपस में बातचीत नहीं करनी चाहिए, अन्यथा खाना श्वास-नली में अटक सकता है। खाना अगर सुमिरन करते हुए खाएं तो सोने पर सुहागा है।
हमेशा खाना मुँह बंद करके ही खाना चाहिए।

निश्चित समय पर ही खाएं। सारा दिन खाते ही न रहें। सुबह के समय नाश्ता अच्छा, यानि थोड़ा हैवी लें। दोपहर को उससे थोड़ा कम और रात को हल्का खाएं। जैसे अक्सर कहा जाता है कि ‘नाश्ता राजा जैसा, दोपहर का भोजन रानी जैसा व रात का खाना भिखारी जैसा होना चाहिए।’ रात को 8 बजे सूरज छिपने के बाद खाना न खाएं। रात को बहुत भारी खाना खाकर सोना पाचन शक्ति व वजन के हिसाब से ठीक नहीं है।

पानी

खाने से आधा घंटे पहले व बीच में 2-4 घूँट पानी ले सकते हैं, लेकिन खाना खाने के बाद पानी नहीं लेना चाहिए। ज्यादा पानी पीने से पाचनतंत्र में समस्या आ जाती है।
खाने के बाद पानी से कुल्ला जरूर करना चाहिए, इससे जो भी खाने के कण दाँतों में फंसे होते हैं वो निकल जाते हैं। कुल्ला करके उस पानी को भी पी सकते हैं। जैसे कि पुराने बुजुर्ग भी कहा करते थे- ‘‘पानी ओक दा, सौदा रोक दा,’’ यानि ओक से पानी पी लिया जाए तो सबसे बेहतर है। जब तक होठों से पानी नहीं लगता, प्यास नहीं बुझती। हमारे होंठ गीले होने जरूरी हैं, क्योंकि प्यास हमारी ग्रंथियों को ही लगती है।

अगर ओक से पानी पीया जाए तो उसका स्वाद ज्यादा देर तक रहता है। हलवा व तली हुई चीजें खाने के बाद आधा घंटा पानी नहीं पीना चाहिए, इससे गला खराब होने की समस्या से आप बचे रहेंगे। अगर आप गले को बढ़िया बनाना चाहते हैं तो गर्म व ठंडा साथ-साथ नहीं लेना चाहिए। ठंडा खाने के 10-15 मिनट बाद ही किसी गर्म पदार्थ का सेवन करें। अगर आप धूप में बहुत जोर-शोर से काम कर रहे हैं और बर्फ वाला पानी एकदम से पी लिया जाए तो आपको नजला हो सकता है, बुखार हो सकता है, आपका गला खराब हो सकता है और अन्य भी बहुत सी बीमारियां पैदा हो सकती हैं। उसकी बजाय सामान्य पानी पीजिए।

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