चिंताजनक। जून में 33 फीसदी कम बारिश से देश के किसानों की परेशानी बढ़ी
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सपा सांसद रेवती रमण ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा
नई दिल्ली (एजेंसी)। राज्यसभा में सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त सूखे की समस्या को उठाया गया और सरकार से ठोस उपाय करने की मांग की गई। समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जून तक 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी और जुलाई में अब तक जितनी वर्षा होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई है। करीब 18 राज्यों में सूखे की गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि 151 जिलों में कम वर्षा हुई है जिसके कारण धान की रोपाई नहीं हो सकी है, जिसका उत्पादन पर असर होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार और ओडिशा के 13-13, ओडिशा के 12, हरियाणा के नौ जिलों के अलावा कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के भी कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं। देश के कुछ राज्यों में बाढ़ की भी समस्या है। उन्होंने किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त की। इससे पहले कांग्रेस के जयराम रमेश ने अरावली की पहाड़ी में अवैध रूप से जमीन की खरीद बिक्री का मुद्दा उठाया और इस पर रोक लगाने की मांग की। सपा के सुरेन्द्र सिंह नागर ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के चीनी मिलों पर बकाया का मामला उठाया और कहा कि 2018-19 पेराई सत्र का करीब 10 हजार करोड़ रुपया बकाया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना देने के 14 दिनों के अंदर भुगतान होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल सस्ते ब्याज दर पर बैंकों से ऋण ले लेते हैं, लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिलता है। भारतीय जनता पार्टी के अजय प्रताप ंिसह ने बघेली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की। भाजपा के ही विजय पाल सिंह ने मेरठ से हवाई सेवा शुरू करने की मांग की।
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अरावली में वन क्षेत्रों में पैर पसार रहे प्रभावशाली लोग
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की रोक के बावजूद राजनीतिज्ञ, प्रभावशाली लोग और निजी कम्पनियां वन क्षेत्र की जमीन खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरावली की पहाड़ी 700 वर्ग किलोमीटर में कई राज्यों में फैली है। उन्होंने इसे संवेदनशील मामला बताया और तुरंत कार्रवाई की मांग की।
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