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आदेशों की अवहेलना होने पर भू मालिक होगा जिम्मेदार
जाखल /फतेहाबाद (तरसेम सिंह)। सच कहूं हिंदी दैनिक राष्ट्रीय समाचार पत्र में 14 जून को प्रकाशित समाचार के मुख्य पृष्ठ पर “फतेहवीर जैसे हादसों का इंतजार कर रहे हैं खुले मुंह बोरवेल” नामक हेडलाइन से समाचार सच कहूं के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित किया गया जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। जिसके तहत उपायुक्त एवं जिलाधीश धीरेंद्र खडगटा ने दी पंजाब विलेज एंड स्मॉल टाउन पेट्रोल एक्ट 1918 की धारा 3(1) व दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला फतेहाबाद के सभी सरपंचों को निर्देश दिए हैं कि वे पंचायती भूमि पर खुले व खराब बोरवेल को बंद करवाएं, ऐसा न पाए जाने पर सरपंच व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेवार होगा।
निजी भूमि पर बोरवेल खुला पाए जाने पर स्वयं भूमि मालिक खुले बोरवेल को बंद करवाना सुनिश्चित करें व भूमि मालिक व्यक्तिगत तौर पर स्वयं जिम्मेवार होगा। इसी प्रकार से उपायुक्त ने शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद व नगर पालिका के संबंधित कार्यकारी अधिकारी व सचिव को जरुरी दिशा निर्देश देते हुए कहा कि वे खुले बोरवेल व्यक्तिगत तौर पर बंद करवाना सुनिश्चित करें तथा उनके अधिकार क्षेत्र में किसी प्रकार की घटना होने पर स्वयं जिम्मेवार होंगे। उन्होंने बताया कि प्राय: देखने में आया है कि किसानों द्वारा खराब ट्यूबवेल को उखाड़ कर अन्य स्थान पर शिफ्ट कर लिया जाता है तथा ट्यूबवेल को शिफ्ट करने उपरांत बोरवेल को खुला छोड़ दिया जाता है एवं ना ही उसे मिट्टी से भरकर समतल किया जाता है,
जिस कारण बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाएं देश में अक्सर होती रहती हैं जिससे जान माल का नुकसान होने के साथ-साथ कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उपायुक्त ने जन स्वास्थ्य विभाग फतेहाबाद के अधीक्षक अभियंता को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए उनके अधीन खुले एवं खराब बोरवेल को बंद करवाने के लिए आल इंचार्ज नियुक्त किया है।
इन आदेशों की पालना करवाने के जिम्मेवारी संबंधित तहसीलदार, थाना अध्यक्ष, खंड विकास एवं पंचायती अधिकारी तथा ग्राम पंचायत की होगी। इन आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों के विरुद्ध पंजाब विलेज एंड स्मॉल टाउन पेट्रोल 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत तथा सरपंच के खिलाफ हरियाणा पंचायती राज एक्ट 19 (द्ब1) में दी गई कर्तव्य पालना में बरती गई कौताही के तहत दोषी समझकर कार्यवाही की जाएगी। दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत उपरोक्त आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार दंड का भागी होगा।
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