घरों में दुबकने को मजबूर हुए लोग, रातें भी तेज गर्मी से झुलसा रही
हनमानगढ़, सच कहूँ न्यूज। भीषण गर्मी में भट्टी की तरह तप रहे राजस्थान में इस बार गर्मी के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। प्रचंड गर्मी और लू की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पूरा प्रदेश प्रचंड गर्मी में तप रहा है। हलक सूखा देने वाली गर्मी ने आमजन को बेहाल कर दिया है। रातें भी तेज गर्मी से झुलस रही हैं। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे आसमान से आग बरस रही है। दिन प्रति दिन तेज धूप के कारण गर्मी लगी है एवं गर्मी के कारण लोगों का हाल बुरा हो रहा है।
सोमवार को हनुमानगढ़ में उच्चतम 43 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक गर्मी की यही स्थिति बनी रह सकती है और तापमान बढ़ सकता है। सूर्यदेव सुबह 7 बजे से ही अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर देते हैं। गर्मी के चलते लोग अपने घरों में दुबक कर रह गए हैं।
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सड़कों पर हर तरफ घूमने वाले बेसहारा पशु व आवारा कुत्ते मानो कहीं हो गए हैं गायब
और पेड़ों व ठंडे स्थानों पर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। वहीं निर्माण कार्य में लगे कामगार भी दोपहर को आराम करने को मजबूर हैं। सोमवार को बाजार में कई जगह पर ग्राहक नजर नहीं आने से सन्नाटा रहा एवं दुकानदार ग्राहकों के आने का इंतजार करते नजर आए। गर्मियों में लू लगने और स्किन की प्रॉब्लम सबसे कॉमन होती हैं।
गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में घूमने वाले लू की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में कुछ खाकर ही घर से निकलें तथा थोड़ी-थोड़ी देर में पानी व जूस, छाछ या लस्सी पीते रहें। ज्यादा देर धूप में नहीं रहें। गर्मी से इंसान ही नहीं जनवरी भी होते हैं प्रभावित। ऐसे में पालतू पशुओं को छाया वाली हवादार जगह में ही रखें। पशुओं को गीली बोरी लपेट दें तथा उन्हें भी पानी की कमी नहीं होने दें। लू व धूल से बचने के लिए काला चश्मा लगाएं।
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तापमान बढ़ने का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन
मौसम विभाग के पूवार्नुमान के मुताबिक पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोनझ् में आते हैं। इन सभी में अप्रेल और मई के बीच तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना तकरीबन 37 फीसद रहती है। हालांकि, बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है। लेकिन, इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम की स्थिति में बदलाव का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है।
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