हुर्र-रे ! हो गई छुट्टियां

School Holiday

गर्मी की छुट्टियों को इस तरह बनाएं यादगार और मजेदार

स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। बच्चे तो खुश हैं, पर आपको चिंता सता रही है कि अब 24 घंटे उनकी शैतानियां चलती रहेंगी। उनकी शैतानियों पर लगाम लगाने के लिए उन्हें रुटीन में बांधकर रखने और उन्हें तरह-तरह के क्लास के जाल में फंसाने की जगह उनकी गर्मी की छुट्टियों को यादगार और मजेदार बनाने की कोशिश करें। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बताएंगे जिससे ये छुट्टियां और अधिक यादगार बन जाएंगी। मुझे पेंटिंग क्लास ज्वॉइन नहीं करना। गिटार क्लास भी नहीं जाना और न ही मैं मेंटल मैथ सीखना चाहता।

मुझे भी अपनी गर्मी छुट्टी बिल्कुल वैसे ही बितानी है, जैसे मम्मी आप अपनी गर्मी की छुट्टियां बिताती थीं। मुझे इन छुट्टियों में सिर्फ आपके साथ समय बिताना है और हां, नानी के यहां घूमने भी जाना है..। सुनी हुई सी लग रही हैं न आपको भी ये बातें? गर्मी की छुट्टियां अब पहले जैसी नहीं रहीं। उनके पास हॉलीडे होमवर्क का अंबार है। छुट्टियों के बाद स्कूल जाने पर उन्हें अपनी टीचर को बताने के लिए एक लंबी लिस्ट भी चाहिए कि उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में क्या-क्या किया। ऐसे में मन चाहे या न चाहे उनकी गर्मी की छुट्टियां भी पूरी तरह से व्यस्त रहती हैं।

पर, क्या आप अपने बच्चे को इन छुट्टियों में बदलाव का उपहार नहीं दे सकतीं? माना आपके पास वक्त कम है। घर के कामकाज के साथ-साथ आॅफिस और अन्य जिम्मेदारियां भी हैं। पर, इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे बुरी तरह से व्यस्त कर दें ताकि शाम को जब आप आॅफिस से लौटें तो वह इतना थक चुका हो कि उसके पास सोने के अलावा कोई और विकल्प न हो।

  • छुट्टी को छुट्टी जैसा रहने दें

एक समय में बच्चे को गर्मी की छुट्टी में नए स्किल्स से रूबरू करवाना एक बेहतरीन विकल्प लगता था, पर आज वही विकल्प अपनी जिम्मेदारी किसी और पर डालने जैसा लगने लगा है। बच्चे को कुछ नया सिखाने की पेरेंट्स की इस चाह के कारण डेढ़-दो माह की उसकी गर्मी की छुट्टियां अब सब की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती जैसी दिखने लगी हैं। छुट्टियों का असली मतलब तो मौज-मस्ती होता है न, फिर इस मौज-मस्ती वाले समय में भी बच्चे को रुटीन में बांध कर रखने का क्या मतलब? उन्हें मौज-मस्ती करने दीजिए। आप उसे स्वतंत्रता देंगे तो वह उस स्वतंत्रता के साथ-साथ आपके द्वारा तय की गई सीमाओं का सम्मान करना भी सीख जाएगा।

  • छुट्टी का मजा, साथ-साथ

गर्मी की छुट्टियों को अपने बच्चे को बेहतर तरीके से जानने के मौके में तब्दील कीजिए। सबके साथ बिताया गया यह वक्त बच्चे को परिवार और उसके महत्व के बारे में बिना कुछ कहे ही ढेर सारी बातें समझाने का बेहतर तरीका हो सकता है। बच्चे जैसे-जैसे बड़ा होते हैं, उनकी दुनिया बदलती चली जाती हैं। दोस्त उनकी इस दुनिया का एक बड़ा हिस्सा बन जाते हैं। और आपके साथ उसकी बातचीत कुछ खास मुद्दों तक ही सीमित होकर रह जाती है। इस बंदिश को तोड़ने और बच्चे से सही मायने में जुड़ने के लिए गर्मी की छुट्टियां बेहतरीन मौका हैं।

एक ऐसा रुटीन विकसित करें, जब आप लोग सब एक साथ बैठकर सिर्फ एक-दूसरे से बात करें। बच्चों से जुडम्ने का यह एक बेहतरीन तरीका है। अपने बचपन से उन्हें परिचित करवाएं। बच्चे हमेशा अपने पेरेंट्स के बचपन के बारे में जानना चाहते हैं। न सिर्फ उन्हें जानें, बल्कि बच्चे को भी अपनी मां को बेहतर तरीके से जानने का मौका दें।

  • इस तरह छुट्टियां होंगी मजेदार!

  • अब अगर बच्चे को हॉबी क्लास में भेजकर परेशान नहीं करना है तो नीचे दिए गए सुझाव आपके काम आ सकते हैं:

1. प्ले ग्रुप बनाएं
आपके घर के आसपास जितने भी एक उम्र के बच्चे रहते हैं, उनका एक प्ले ग्रुप बनाएं। इसके लिए आपको उन बच्चों के पेरेंट्स से भी पहले से पूछना होगा। अब बच्चों के इस प्ले ग्रुप को अपने घर पर, पार्क या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर हर दिन इकट्ठा होने के लिए कहें। इस प्ले ग्रुप में बच्चे एक साथ मिलकर कोई मजेदार खेल खेल सकते हैं। मजेदार कहानियां एक-दूसरे को सुना सकते हैं या फिर अपना कोई खास गुर अपने दोस्तों को सिखा सकते हैं। बच्चे को दूसरे बच्चों का साथ मिलेगा तो न सिर्फ उनकी छुट्टियां मजेदार बनेंगी, बल्कि वो सुबह से इस मौके के इंतजार में रहेगा। शुरूआत में इस प्ले ग्रुप के मॉनिटर की भूमिका एकाध दिन के लिए आपको निभानी पड सकती है, पर धीरे-धीरे बच्चों को अपने इस प्ले ग्रुप को संभालने का गुर भी आ जाएगा और आप फ्री हो जाएंगी।
2. खेल दिमाग का
सुबह उठने के बाद बच्चा फ्रेश हो गया। उसने नाश्ता कर लिया और थोड़ा-सा होमवर्क भी हो गया। अब उसका अगला सवाल होगा, मम्मी अब मैं क्या करूं? बच्चे के इस सवाल से परेशान होने की जगह उसे तरह-तरह की चीजों में व्यस्त रखने की कोशिश करें। घर में एक व्हाइट बोर्ड रख लें और उस पर बच्चे और अपने प्वांइट लिखने के लिए एक टेबल बना लें। खेल आप अपनी मर्जी का कोई भी चुन सकती हैं। आप दोनों किसी खास अक्षर के शब्द व्हाइट बोर्ड पर लिखने का खेल सकती हैं। शब्द अखबार से लेकर मैगजीन तक, कहीं से भी ढूंढ़ा जा सकता है। शाम तक जिसके नाम के नीचे जितने ज्यादा शब्द होंगे, वही जीतेगा। इससे फायदा यह होगा कि बच्चा खेल-खेल में ढेर सारे नए शब्द सीख जाएगा।
3. बन जाइए उसकी फेवरेट टीचर
स्कूल के दिनों में आप अपनी क्राफ्ट टीचर की सबसे प्रिय स्टूडेंट थीं। यानी आपको तरह-तरह का क्राफ्ट बनाना आता है। संभव है कि आपको वो सारे क्राफ्ट आज याद न हों, पर दिमाग पर थोड़ा-सा जोर देने से सब कुछ आपको याद आ जाएगा। अपना यह गुर या इस तरह का कोई भी और गुर इन छुट्टियों में अपने बच्चे को सिखाइए और बन जाइए उसकी टीचर।

  • जो खुले रहते हैं, वही उड़ते हैं

नियम और टाइम-टेबल में बंधे बिना बच्चा जब कुछ सीखता है, तो वह सीख जिंदगी भर उसके साथ रहती है। बिना किसी बाध्यता के आपका बच्चा जब कुछ सीखेगा, तो वह पूरी शिद्दत के साथ उसे सीखेगा, क्योंकि इसके लिए कोई उसे कह नहीं रहा है। पूरे साल स्कूल के कारण तो वह रुटीन से बंधा ही रहता है तो क्यों न गर्मी की छुट्टियों के दौरान उसे बिना किसी रुटीन के अपना वक्त बिताने का मौका दिया जाए!

यकीन मानिए, उसकी नजरों में आपकी इज्जत न सिर्फ पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी, बल्कि वह इन छुट्टियों में आपको परेशान भी कम करेगा। अपनी ही चीजों में वह व्यस्त रहेगा और खुश भी रहेगा। आपको इसके लिए कुछ नए और अनोखे तरीके तलाशने होंगे। आप बच्चे को अपनी सबसे मजेदार गर्मी की छुट्टी के बारे में बता सकती हैं या फिर बच्चे के साथ मिलकर आप दोनों कोई नई चीज सीख सकती हैं।

 

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