मोदी के शपथ ग्रहण में इमरान को न्योता नहीं, खिसियाया पाकिस्तान
इस्लामाबाद (वार्ता) पाकिस्तान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को आमंत्रित नहीं करने के भारत सरकार के फैसले को भारत का आंतरिक मामला करार दिया है। दैनिक समाचार पत्र डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार शाम को एक समाचार चैनल से कहा, ‘उनका (मोदी) पूरा ध्यान अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पाकिस्तान को कोसने पर था। हम अभी यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह इतनी जल्दी इससे बाहर निकलेंगे। भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को होने वाले शपथ र्ग्रहण समारोह के लिए सभी बिम्सटेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। बिम्सटेक देशों में भारत के अलावा बंगलादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका , म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।
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पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते अधिक तनावपूर्ण
उल्लेखनीय है कि मोदी ने जब 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था जिनमें पाकिस्तान भी शामिल था। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उस समय श्री मोदी के शपथ र्ग्रहण समारोह में शिरकत की थी। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते अधिक तनावपूर्ण बने हुए हैं।
- पुलवामा हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं: कुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर भारत के उस आरोप का खंडन किया जिसमें उसने पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का दावा किया था। कुरैशी ने यहां एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘पुलवामा हमले से पाकिस्तान का कोई लेना- देना नहीं है और विश्व समुदाय ने इस तथ्य को स्वीकारा है। कुरैशी ने भारत के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान के तैयार रहने का संदेश देते हुए कहा,‘पाकिस्तान और भारत के बीच दोनों देशों के हित में सभी शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता ही एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और पाकिस्तान का रुख क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सद्भाव बनाए रखना है।
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