शव के साथ रात भर डटे रहे, एसपी फिर पहुंचे समझाइश करने

Staying late in the night with the body, SP returned again to explain

भादरा विधायक बलवान पूनियां के नेतृत्व में थाने के समक्ष हुई सभा व विरोध-प्रदर्शन

  •  फरार मुख्य आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमों ने कई जगह दी दबिश
  •  मारपीट में गंभीर जख्मी जेल प्रहरी की मौत का मामला

नोहर, सच कहूँ न्यूज। जेल में बंदियों को मनचाही सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने की रंजिश को लेकर किए गए जानलेवा हमले में गंभीर जख्मी जेल प्रहरी की घटना के 24 दिन बाद मौत होने से गुस्साए परिजन वीरवार रात भर शव लेकर थाने के समक्ष बैठे रहे। शुक्रवार सुबह दिन निकलते ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि वहां पहुंचने शुरू हो गए। करीब ग्यारह बजे थाने के समक्ष विरोध प्रदर्शन व सभा शुरू हो गई।

इसमें भादरा विधायक बलवान पूनिया सहित कई जन प्रतिनिधि शामिल हुए। इससे पहले गुरुवार सुबह से ही शव के साथ नोहर थाने का घेराव कर बैठे ग्रामीणों से समझाइश करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत सहित अन्य उच्चाधिकारी देर रात तक नोहर थाने में ही डटे रहे। खुईंया थाने के तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर करने तथा प्रदर्शनकारियों से कई बार विफल वार्ता के बाद एसपी देर रात हनुमानगढ़ लौट आए। शुक्रवार सुबह एसपी दोबारा नोहर थाने पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता शुरू की। एहतियात के तौर पर नोहर थाने के समक्ष भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।

क्योंकि गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान थाने में घुसने का प्रयास किया गया था। मृतक के परिजन व संघर्ष समिति सदस्य मारपीट के आरोपितों की गिरफ्तारी, खुईयां थाना स्टाफ पर कार्रवाई, मृतक को शहीद का दर्जा देने व आर्थिक मदद देने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि जेल प्रहरी सुखदास स्वामी (30) पुत्र रामप्रताप स्वामी निवासी खुईंया की बुधवार रात मौत हो गई थी। परिजनों ने मांग पूरी होने तक शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।

गुरुवार को दिन में आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच कई बार वार्ता हुई। लेकिन आंदोलनकारी सभी आरोपितों की गिरफ्तारी सहित अन्य मांगें पूरी होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड़े रहे। नोहर उप कारागार में बंद हिस्ट्रीशीटर सद्दाम पठान पुत्र अमीर हसन को कथित रूप से सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर जेल प्रहरी सुखदास सहित अन्य स्टाफ में भय पैदा करने के लिए उसके गुर्गों ने हमले की योजना बनाई। 29 अप्रेल शाम को जेल प्रहरी सुखदास स्वामी गांव खुईंया से बाइक पर रात्रिकालीन ड्यूटी के लिए घर से रवाना हुआ।

इसी दौरान गोरखाना के पास रोही में कैम्पर गाड़ी में सवार होकर आए नोहर निवासी अजरूहदीन पठान, उसका दोस्त हरियाणा निवासी मणी व तीन-चार अन्य लाठी, सरिया, पिस्तौल आदि से लैस होकर आए। जान से मारने की नीयत से सुखदास पर लाठी व सरियों से ताबड़तोड़ वार किए। उसके हाथ व पैरों में गंभीर चोटें आई। शुक्रवार को भी जिले भर के पुलिस थानों के जाब्ते की तैनाती से नोहर थाना छावनी के रूप में तब्दील रहा।

एसपी के अलावा हनुमानगढ़ एएसपी चन्द्रेश गुप्ता, नोहर डीएसपी अत्तर सिंह पूनिया, नोहर थाना प्रभारी विक्रम सिंह, रावतसर थाना प्रभारी मोहम्मद अनवर, टाउन थाना प्रभारी अरुण चौधरी, तलवाड़ा झील थाना प्रभारी बिशन सहाय थाने में मौजूद थे। उधर, मुख्य आरोपितों की तलाश में गठित टीमों ने शुक्रवार को हरियाणा क्षेत्र में कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन समाचार लिखे जाते समय आरोपितों का सुराग नहीं लग पाया था।

  • धरने पर एकसाथ बैठे भाजपा-कांग्रेस व माकपा के विधायक

जेल प्रहरी सुखदास स्वामी के शव के साथ नोहर थाने के समक्ष बैठे ग्रामीणों की मांग के समर्थन में शुक्रवार को भादरा से माकपा के विधायक बलवान पूनिया के अलावा प्रतिपक्ष के नेता व चूरू से भाजपा के विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ व नोहर से कांग्रेस के विधायक अमित चाचाण भी मौके पर पहुंचे और एकसाथ धरने पर बैठे। इसके अलावा नोहर के पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए धरनास्थल पर पहुंचे। दोपहर समाचार लिखे जाते समय तक विधायक व जनप्रतिनिधि धरने पर बैठे थे। इनकी जिला पुलिस अधीक्षक से वार्ता जारी थी।

  • ग्रामीणों की यह है मांग

संघर्ष समिति ने जेल प्रहरी पर हमले के सभी आरोपितों को तुरन्त गिरफ्तार करने, पीड़ित परिजनों को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा ड्यूटी करने के लिए आते समय हुए हमले में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा देने की मांग की है। इसके लिए जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी, पूर्व तहसीलदार गोवर्धन दास, पूर्व उप प्रधान रामकुमार स्वामी, स्वामी सभाध्यक्ष रामस्वरूप स्वामी, मांगीलाल सहू, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेन्द्र जोशी, पूर्व सरपंच रामेश्वरदास स्वामी, रामप्रताप व विनोद भूकरका को संघर्ष समिति में शामिल किया गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर कार्रवाई कर मृतक जेल प्रहरी सुखदास स्वामी को न्याय नहीं दिलाया गया तो उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा।

 

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