उच्च स्तरीय समिति ने किया बूढ़ा नाला की स्थिति का जायजा लेने के लिए शहर का दौरा
लुधियाना(राम गोपाल राएकोटी)। बूढ़ा नाला में रसायन युक्त पानी पड़ने की स्थिति पर नजर रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से तीन सदस्यता समिति बनाई गई है। इस टीम ने मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए गतदिवस शहर का दौरा किया। इस टीम में जस्टिस प्रीतम पाल (सेवानिवृक्त), एससी अग्रवाल सेवानिवृत मुख्य सचिव पंजाब और बाबू राम शामिल थे।
इस संबंधी स्थानिक सर्किट हाऊस में पत्रकारों के साथ बातचीत करते जस्टिस प्रीतम पाल ने बताया कि मौजूदा समय बूढ़ा नाला की स्थिति बहुत ही गंभीर है और इस साथ ही में ओर रसायन युक्त पानी पड़ने से रोकने के लिए सख़्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही इस स्थिति पर नजर रखने व इसके हल के लिए सुझाव देने के लिए ही इस समिति का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नाले की स्थिति ओर गंभीर होने से बचाने के लिए ट्रिब्यूनल की ओर से ‘टाईम बाउंड एक्शन प्लान’ तैयार किया गया है, जिसे जल्द लागू किया जा रहा है। समिति की ओर से जो स्थिति देखी गई है, उस संबंधी रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को भेजी जाएगी, जिस उपरांत इस पर आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी उन्होंने उम्मीद जताई कि शहर में लगाए जा रहे एसटीपीज दिसंबर तक शुरू हो जाएंगे, जिससे प्रदूषित पानी के बहाव पर बड़ी स्तर पर रोक लग सकती है।
जस्टिस प्रीतम पाल ने बताया कि पहली नजर में सामने आया है कि बूढ़े नाले में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण की जिम्मेदारी से नगर निगम और पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड की ओर से अपना -अपना पल्ला झाड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि समिति ने गतदिवस नाले में चल रहे पानी के नमूने लिए हैं, जिनसे यह साबित हो जाएगा कि नाले में प्रदूषित पानी उद्योग से आ रहा है या डेयरियों या या घरों से। इस संबंधी रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम या पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड एक दूसरे पर जिम्मेदारी नहीं थोप सकेंगे।
इस मौके पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के सदस्य बलबीर सिंह, नगर निगम लुधियाना के कमिशनर कंवलप्रीत कौर बराड़, पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के चीफ इंजीनियर गुलशन राय व एसई सन्दीप बहल व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रशासन कर रहा डेयरियों को शहर से बाहर तबदील करने संबंंधी प्रयास
टीम के सदस्यों ने बतया कि दौरा करने पर पता चला है कि प्रशासन की ओर से डेयरियों को शहर से बाहर तबदील करने संबंधी प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंधी 12 मई को समिति की बैठक रखी गई है, जिसमें प्रशासन को डेयरियों संबंधी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। यदि डेयरियां बाहर तबदील होती हैं तो ठीक है नहीं तो डेयरियों का डिस्पोजल कैसे और कब साफ करना है, इस संबंधी प्रशासन को जवाब देना पड़ेगा।
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