संरा (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया जो भारत की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मसूद अजहर को प्रतिबंधित सूूची में डाल दिया गया है जिसके तहत उसकी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध लग गया है तथा विभिन्न देशों में उसकी संपत्तियां तथा बैंक खातें सील कर दिए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर कहा, ‘बड़े, छोटे सभी साथ हैं। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया है। समर्थन के लिए सभी का आभार।
भारत की बड़ी कूटनीतिक विजय
पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पिछले 10 वर्ष में चार बार प्रस्ताव पेश किया गया और हर बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर इसमें अड़ंगा लगा दिया। चीन ने गत मार्च में सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर भी कुछ समय के लिए रोक लगा दी थी। उसने हालांकि मंगलवार को संकेत दे दिया था कि वह अजहर के खिलाफ प्रतिबंध को लेकर अपनी आपत्ति वापस ले सकता है और कहा था कि अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे का उचित समाधान निकाला जायेगा।
जैश ए मोहम्मद संसद पर हमले और पठानकोट हमले में भी शामिल था
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम को भारत की बड़ी कूटनीतिक विजय माना जा रहा है जो जैश सरगना को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए विश्व समुदाय पर लगातार दबाव बना रहा था। खास तौर पर जब से इस आतंकवादी संगठन ने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, तब से भारत ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए इस हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये थे। जैश ए मोहम्मद संसद पर हमले और पठानकोट हमले में भी शामिल था।
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