हिसार (सच कहूँ न्यूज)। गांव बालसमंद के बोरवेल से भारतीय सेना, नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स व ग्रामीणों के कुशल प्रयास से 48 घंटे बाद निकाले गए मासूम नदीम के स्वास्थ्य में अब लगातार सुधार हो रहा है। यह कहें कि चिकित्सकों की टीम की मेहनत व लोगों की दुआएं काम आई है तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि आमजन जहां नदीम से स्वस्थ होने के लिए दुआ कर रहे हैं, वहीं चिकित्सक भी उपचार में किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
दूसरी तरफ जिला प्रशासनिक अधिकारी भी नदीम के स्वास्थ्य से संबंधित अपडेट लेते रहते हैं। हिसार के सर्वोदय अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किए गए नदीम के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद फिलहाल चिकित्सकों ने वेंटीलेटर हटा दिया है। अब वह सांस की मशीन के बिना खुद सांस ले रहा है। उसके निमोनिया का स्तर भी 80 फीसदी से अधिक ठीक हो गया है। 22 मार्च की रात को जब नदीम को निजी अस्पताल लाया गया था, तब उसकी टीएलसी 30000 थी।
होली के दिन डेढ़ साल का गांव के जोहड़ के समीप बने 60 फिट गहरे बोरवेल में गिर गया था
अब उसकी टीएलसी 11000 से भी कम आ गई है। हिसार के सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने कहा कि पूरी तरह से स्वस्थ न होने तक नदीम को चिकित्सकों की निगरानी में ही रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि उसके इलाज का पूरा खर्च सरकारी स्तर पर वहन किया जा रहा है। अभी यह बताना जल्दबाजी होगी कि उसे कब तक डिस्चार्ज किया जाएगा। नदीम का जीवन बचाने के लिए फिलहाल उच्च स्तर की एंटीबायोटिक के साथ खाने में सिर्फ तरल पदार्थ ही दिया जा रहा है। ज्ञात रहे की होली की सांय डेढ़ साल का नदीम गांव के जोहड़ के समीप बने 60 फिट गहरे बोरवेल में गिर गया था।
प्रारंभिक तौर पर जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर नदीम को बचाने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिलती देख सेना व एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था। लगातार 48 घंटे तक चले आॅपरेशन के बाद भारतीय सेना, एनडीआरएफ के जवानों व ग्रामीणों ने मिलकर नदीम को सकुशल बाहर निकाल लिया था। नदीम को पहले उपचार के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख उसे उपचार के लिए हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां अब लगातार उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
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