आगरा(एजेंसी)। ताजनगरी आगरा में कल कारोबारी की पत्नी तथा दो बेटियों की दम घुटने से मौत हो गई। शाहगंज के पांडव नगर में बाथरूम में गैस गीजर से दम घुटने से कारोबारी की पत्नी और दो मासूम बेटियों की मौत हो गई। आगरा में 131 पांडव नगर निवासी रोहित धूपड़ का जयपुर हाउस में साड़ी शोरूम है। उनके पिता डॉ. नवीन का पास में ही दवाखाना है। कल रोहित, उनके पिता और मां विमल शोरूम और दवाखाने पर गए थे। घर में रोहित की पत्नी रितु (38 वर्ष) और उनकी छह वर्षीय बेटी सचिका व तीन वर्षीय बेटी कायरा थीं। शाम छह बजे रितु की मां ने उन्हें फोन किया। काफी देर तक फोन नहीं उठा तो उन्होंने अपने दामाद को इसके बारे में बताया।
किसी अनहोनी की आशंका को लेकर रोहित ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला को घर पर जाकर देखने को कहा। महिला से भी काफी प्रयास के बाद दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद रात साढ़े आठ बजे रोहित घर पहुंचे। धक्का मारकर दरवाजे खोले। बाथरूम में रितु और दोनों बच्चे नहाने की अवस्था में पड़े हुए थे। एसएसपी अमित पाठक ने पहुंचकर जांच की। पुलिस व वैज्ञानिकों को गीजर की गैस और पानी की टंकी खाली मिली है। बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन भी बंद था। इसी कारण मौत का कारण दम घुटना माना जा रहा है। पुलिस दूसरे बिंदुओं पर भी जांच कर रही है।
मचा कोहराम, देर रात तक लगी रही भीड़
मां के साथ दो मासूम बेटियों की मौत से पांडव नगर को हिला दिया। इस घटना को जिसने सुना, दौड़कर पहुंच गया। बच्चियों को देखकर हर आंख नम थी। हर व्यक्ति यही कह रहा था कि भगवान तूने ये क्या कर दिया। जिसने भी कारोबारी रोहित धूपड़ की पत्नी और बेटी की मौत की खबर सुनी, दौड़कर उनके घर पहुंच गया। वहां की तस्वीर दिल दहला देने वाली थी। जो मासूम बेटियां कल दोपहर में कॉलोनी के पार्क में मां के साथ घूम रही थीं। वो शांत पड़ी थीं। मौत ने उनको आगोश में ले लिया था।
पानी की टंकी और गैस सिलेंडर हो गया खाली
दोपहर एक बजे बाद किसी ने रितु को नहीं देखा। आशंका है कि वे इसके बाद बच्चों को नहलाने और खुद नहाने को बाथरूम में गईं। इसके बाद पानी चलता रहा और गैस गीजर भी। शाम को पानी की टंकी और गैस सिलेंडर दोनों खाली मिले। आशंका है कि उनके बेहोश होने के बाद भी पानी और गैस गीजर चलता रहा होगा। वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं थी और एग्जॉस्ट फैन भी बंद था।
जानलेवा है गीजर से निकलने वाली गैस
सर्दियों में गरम पानी से नहाने के लिए अगर गैस गीजर लगवा रहे हैं तो सावधानी बरतें। थोड़ी सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। एसएन मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय अग्रवाल का कहना है कि एलपीजी सिलेंडर के जरिये गैस गीजर में पानी गर्म किया जाता है।एलपीजी में ब्यूटेन व प्रोपेन गैस होती है, जो जलने के बाद कार्बन डाईऑक्साइड पैदा करती है। छोटी जगह में जब गैस गीजर चलता है तो कार्बन डाईऑक्साइड की मात्र बढऩे लगती है और ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ऐसे में नहाने के दौरान पर्याप्त मात्र में ऑक्सीजन न मिलने से दिमाग में भी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, कोमा जैसी स्थिति हो जाती है। व्यक्ति दरवाजा खोलकर बाहर तक आने की स्थिति में भी नहीं रहता। कई बार बेहोश होकर पड़े रहने से जान भी जा सकती है।
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