स्क्रीनिंग से नि:शुल्क होगी मरीजों की जांच
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। कैंसर एक बहुत ही घातक बीमारी है, जो पूूरे विश्व में फैल रही है। जनमानस में इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के चयनित चिकित्सा संस्थानों पर कल कैंसर के रोगियों की पहचान की जाएगी एवं जागरुकता कैम्प लगाया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि 4 फरवरी को विश्व कैंसर-डे के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग कैंसर को लेकर टाऊन स्थित जिला अस्पताल में कैंसर स्क्रीनिंग कैम्प एवं जागरुकता कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
इसके साथ-साथ भादरा सीएचसी, नोहर सीएचसी, रावतसर सीएचसी, संगरिया सीएचसी व टिब्बी सीएचसी में भी स्क्रीनिंग कैम्प व जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर के पुराने और नए मरीजों की पहचान कर जांच भी नि:शुल्क की जाएगी। इसमें हार्ट चौकअप-ईसीजी, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, सीरम कोलेस्ट्राल, बीएमआई, कॉमन कैंसर की स्क्रीनिंग एवं जांच करवाने आए लोगों को रोग संबंधी जानकारी दी जाएगी। इस कैम्प से यह पता चल सकेगा कि जिले में कितने मरीजों को किस स्टेज पर कैंसर का रोग है। उसके बाद उसी स्तर से इलाज शुरू किया जाएगा।
नशीले पदार्थों के सेवन से करे गुरेज
डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि कैंसर का पूर्णतया इलाज सम्भव है। प्रारम्भिक स्तर पर कैंसर का पता लगने पर काफी हद तक इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिनके कारण भी अलग-अलग होते हैं। धूम्रपान करना, अधिक वजन होना, पौष्टिक आहार ना लेना, तम्बाकू चबाना या व्यायाम ना करने से भी कैंसर होने की सम्भावनाएं प्रबल हो जाती हैं। इसके अलावा लम्बे समय तक गले में खराश होना, लगातार खांसी आना, आहार निगलने में रुकावट होना, शरीर में गठान पडना, कहीं से भी पानी या रक्त बहाव होना या त्वचा में मस्सा होने पर भी कैंसर हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थोँ का सेवन कम करें, इनसें फेफड़ों, सिर व गले के कैंसर का खतरा हो सकता है। ज्यादा तला व वसा युक्त भोजन कम खाएं, इससे ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर का खतरा होता है। स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करें। अपनी सुरक्षा के लिए ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर से बचने के लिए कुछ रेगुलर चेकअप करवाते रहें। कैंसर विशेषज्ञ से रोग की वार्षिक जांच कराते रहने से रोग का प्रांरभिक अवस्था में पता चल जाता है ।
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