गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने छह साल की थैलेसिमिया मेजर (बीटा थैलेसिमिया) अफगानी लड़की हसनत, का बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) से सफलतापूर्वक इलाज किया। इससे पहले ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा जैसी कैंसर की बीमारियों के इलाज में बीएमटी का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब थैलेसिमिया मेजर जैसी जेनेटिक खून की बीमारियों के इलाज में बीएमटी काफी कारगर साबित हो रहा है। बता दें कि हसनत जब छह माह की थी, तब उसके माता-पिता को डॉक्टरों ने बताया कि वह थैलेसिमिया मेजर से ग्रस्त है।
बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी न होने और मेडिकल सुविधाओं के अभाव में हसनत के माता-पिता को समझ ही नहीं आ रहा था कि वह अपनी छोटी सी बेटी को कैसे बचायें। यहां फोर्टिस अस्पताल के बोन मैरो ट्रांसप्लांट और क्लीनिकल हेमेटोलॉजी विभाग के डॉयरेक्टर डॉ. राहुल भार्गव ने इस केस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हसनत का परिवार अफगानिस्तान से इस उम्मीद के साथ आया था कि उनकी बेटी का इलाज भारत में हो जायेगा,
तो हमारे लिये भी काफी महत्वपूर्ण हो गया था कि हसनत को भारत का सबसे बेहतरीन इलाज प्रदान किया जायें। हसनत के मामले में यह सबसे अच्छा रहा कि हमें बीएमटी के लिए उसकी छोटी बहन मुनव्वारा बिल्कुल परफेक्ट मैच मिल गई। इलाज के बाद अब वह बेहतर तरीके से रिकवरी कर रही है और हमने जैसे सोचा था, इलाज के परिणाम वैसे ही आये है।
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