भाजपा विधायक ने कहा- मायावती किन्नर से बदतर; महिला आयोग ने जवाब मांगा
नई दिल्ली। भाजपा की मुगलसराय से विधायक साधना सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती पर आपत्तिजनक (MLA Sadhna Singh Said Mayawati Neither Male Nor In Women) टिप्पणी की है। उन्होंने शनिवार को चंदौली की एक सभा में कहा- मायावती न महिला हैं न पुरुष। वे किन्नर से भी बदतर हैं। उन्होंने लखनऊ के गेस्ट हाउस में हुआ उनका चीरहरण भूलकर सपा से गठबंधन किया है। उनके इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनसे जवाब मांगा है।
सोशल मीडिया पर साधना सिंह के भाषण का वीडियो वायरल हो गया
साधना सिंह ने चंदौली में एक सभा में कहा, ‘‘हमको पूर्व मुख्यमंत्री न तो महिला लगती हैं और न ही पुरुष। इनकोअपना सम्मान ही समझ में नहीं आता। एक चीरहरण हुआ था द्रौपदी का, तो उन्होंने दुशासन से बदला लेने की प्रतिज्ञा ली। वो एक स्वाभिमानी महिला थी। और एक आज की महिला है, सबकुछ लुट गया और फिर भी कुर्सी पाने के लिए अपने सारे सम्मान को बेच दिया। ऐसी महिला मायावती जी का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं। जो नारी जात पर कलंक है।” उन्होंने आगे कहा, ‘‘जिस दिन महिला का चीरहरण होता है, उसका ब्लाउज फट जाए, पेटीकोट फट जाए, साड़ी फट जाए, वो महिला सत्ता के लिए आगे आती है तो वो कलंकित है। उसे महिला कहने में भी संकोच लगता है। वो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है क्योंकि वो तो न नर है, न महिला है।”
सतीश मिश्रा ने कहा- भाजपा नेताओं को पागलखाने में भर्ती कराओ
साधना की टिप्पणी पर बसपा ने पलटवार किया है। पार्टी के नेता सतीशचंद्र मिश्रा ने कहा, ‘‘साधना सिंह का बयान बीजेपी के स्तर को प्रदर्शित करता है। सपा और बसपा के गठबंधन के बाद बीजेपी नेताओं को दिमागी संतुलन गड़बड़ा गया है और उन्हें आगरा या बरेली के मेंटल हॉस्पिटल (मानसिक अस्पताल) में भर्ती करा देना चाहिए।”
अखिलेश यादव ने कहा- यह नैतिक दिवालियापन
मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं। ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है। ये देश की महिलाओं का भी अपमान है।
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