पश्चिमी विक्षोभ 22 जनवरी को अपने चरम पर होगा
श्रीनगर, एजेंसी। मौसम विभाग ने कश्मीर में भारी हिमपात की चेतावनी दी है। बुधवार को मौसम विभाग ने कहा कि शनिवार से अगले 5 दिन तक राज्य में भारी हिमपात हो सकता है। इस हिमपात के कारण कश्मीर घाटी में हवाई और सड़क व रेल यातायात बाधिक रह सकते हैं।मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 19 जनवरी से 23 जनवरी के बीच एक प्रचंड पश्चिमी विक्षोभ वाला है। यह पश्चिमी विक्षोभ 22 जनवरी को अपने चरम पर होगा और इस दौरान घाटी में भारी हिमपात होने की आशंका है। इस दौरान उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में होगा और मैदानी इलाके भी ठंड से कांप उठेंगे।
अगले 24 घंटों के दौरान आमतौर पर मौसम में बादली छाई रहेगी।
उन्होंने घाटी के लोगों को इस भारी बर्फबारी के दौरान ठंड के प्रकोप से बचने के लिए गर्म कपड़े तैयार, जूते-मोजे, खाने का सामान आदि रखने की सलाह दी है। इस दौरान परिवहन व्यवस्था चरमरा सकती है, इसलिए जनजीवन प्रभावित हो सकता है, ऐसे में पहले से किए गए ये इंतेजाम उन्हें मदद करेंगे।पश्चिमी विक्षोभ शनिवार से अगले पांच दिनों के लिए राज्य में सक्रिय रहेगा, लेकिन अभी से ही श्रीनगर सहित घाटी में आसमान में बादलों का डेरा है। सूर्य की तपिश भी महसूस नहीं हो रही है। पिछले कुछ दिनों से घाटी में शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है, जिससे तापमान हिमांक बिंदू से कई डिग्री नीचे पहुंच गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान आमतौर पर मौसम में बादली छाई रहेगी।
घाटी 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि से गुजर रही है, जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है। यह 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। श्रीनगर में मंगलवार को तापमान -2.1 डिग्री, पहलगाम में -4.2 और गुलमर्ग में -6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। लद्दाख के द्रास में तापमान शून्य से 16.2 डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया गया। यहां का अधिकतम तापमान भी शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उधर जम्मू में 6.2, कटरा में 7, बनिहाल में 1.6 और भदरवाह में 0.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
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