नई दिल्ली (एजेंसी)। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) आज लोकसभा में पेश कर दिया गया। इस संविधान संशोधन के जरिये सरकार को ‘आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी नागरिक’ को आरक्षण देने का अधिकार मिल जायेगा। आरक्षण की अधिकतम सीमा 10 फीसदी तय की गयी है। ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग’ की परिभाषा तय करने का अधिकार सरकार पर छोड़ दिया गया है जो अधिसूचना के जरिये समय-समय पर इसमें बदलाव कर सकती है।
यह आरक्षण मौजूदा आरक्षणों के अतिरिक्त होगा | Constitutional Amendment Bill
इसका आधार पारिवारिक आमदनी तथा अन्य आर्थिक मानक होंगे। इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने 124वाँ संविधान संशोधन विधेयक सदन में पेश किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सरकारी नौकरियों के साथ निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में भी गरीबों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू होगी, चाहे वह सरकारी सहायता प्राप्त हो या न हो।
हालाँकि, संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत स्थापित अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण लागू नहीं होगा। साथ ही नौकरियों में सिर्फ नियुक्ति में ही आरक्षण होगा। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 10 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान विधेयक में किया गया है। यह आरक्षण मौजूदा आरक्षणों के अतिरिक्त होगा और इसकी अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत होगी।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें