जांच के लिए भिजवाए सैंपल, एक मक्कासर से तो दूसरी टाउन निवासी है महिला,
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान में सर्दी बढऩे के साथ ही स्वाइन फ्लू एक बार फिर असर दिखा रहा है। भटनेर नगरी में (Two Suspected Patients Of Swine Flu between high alert) भी इसने पांव फैलाने शुरू कर दिए हैं। इसको लेकर अलर्ट हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में खांसी-बुखार के मरीजों की निगरानी रखनी शुरू कर दी है। इसी का नतीजा है कि अब संभावित रोगी सामने आने शुरू हो गए हैं। ऐसे ही दो संभावित मरीज मंगलवार को टाउन के महात्मा गांधी स्मृति राजकीय चिकित्सालय में भर्ती हुए। हालांकि इन्हें स्वाइन फ्लू है या नहीं इसकी पुष्टि रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। चिकित्सकों ने दोनों मरीजों के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भिजवाए हैं।
जिला अस्पताल प्रशासन पर कम संसाधनों में स्वाइन फ्लू से निपटने की चुनौती
तीन दिन में रिपोर्ट मिलने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार खांसी व जुकाम से पीड़ित गांव मक्कासर निवासी रजीराम (66) पुत्र देवीलाल व टाउन (Two Suspected Patients Of Swine Flu between high alert) के वार्ड 19 निवासी भंवरी देवी (57) पत्नी गोपाल को साधारण खांसी-जुकाम होने पर परिजनों ने मंगलवार को जिला अस्पताल के साधारण वार्ड में भर्ती कराया। बाद में फिजिशियन की सलाह पर दोनों मरीजों में स्वाइन फ्लू होने की संभावना के चलते चिकित्सकों ने इन्हें ऐहतियात के तौर पर स्वाइन फ्लू वार्ड में भर्ती कर लिया। साथ ही दोनों के सैंपल लेकर अधिकृत कृष्णा लैब के माध्यम से जांच करवाई जा रही है।
दोनों मरीजों का इलाज स्थानीय स्तर पर ही किया जाना है या उन्हें हायर सेंटर रेफर करना है, इसके लिए फिजिशियन की सलाह पर अस्पताल प्रशासन कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि राजस्थान में सर्दी बढऩे के साथ ही स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ जाता है। अब फिर सर्दी बढऩे के साथ ही स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
ऐसे हालातों के बीच स्टाफ की कमी
जहां एक तरफ स्वाइन फ्लू ने हनुमानगढ़ ही नहीं प्रदेश भर में हेल्थ डिपार्टमेंट की नींद उड़ा रखी है, वहीं दूसरी तरफ (Two Suspected Patients Of Swine Flu between high alert) ऐसे हालातों के बीच राजकीय जिला चिकित्सालय स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ में से कुछ छुट्टी पर हैं तो दो जनों का स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक मित्र सैनी ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर दो नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध करवाने की मांग की है।
बुधवार तक जिला अस्पताल के पास स्टाफ उपलब्ध नहीं हो सका था। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि आगामी दिनों में भर्ती होने वाले स्वाइन फ्लू के संदिग्ध रोगियों का आंकड़ा बढ़ेगा। ऐसे में अब देखना यह है कि जिला अस्पताल प्रशासन आवश्यकता से उपलब्ध कम संसाधनों से कैसे जानलेवा स्वाइन फ्लू से निपटेगा। यही नहीं अस्पताल में 24 घंटे स्वाइन फ्लू के उपचार में काम आने वाली टेमीफ्लू टेबलेट की भी कमी है। पर्याप्त दवा की उपलब्धता के लिए भी जिला अस्पताल के पीएमओ ने उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया है।
अब तक जिले में 5 मौतें
स्वाइन फ्लू से अकेले हनुमानगढ़ जिले में पिछले वर्ष 2018 में स्वाइन फ्लू से 5 मौतें हो चुकी हैं। बीते वर्ष जिले में (Two Suspected Patients Of Swine Flu between high alert) कुल नौ मरीज स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाए गए थे। इनमें से पांच जनों की मौत हो गई। पिछले पन्द्रह दिनों में ही दो जनों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। दो दिन पहले सोमवार को गोलूवाला क्षेत्र के गांव सूरांवाली निवासी 16 वर्षीय छात्रा पूजा की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। उसे श्रीगंगानगर से जयपुर रेफर किया गया था लेकिन जयपुर पहुंचने से पहले ही पूजा ने दम तोड़ दिया। इससे पहले रावतसर के गांव चाईया निवासी एक 13 वर्षीय किशोर रतन की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। अकेले दिसम्बर में ही चार पॉजीटिव केस आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया था।
रोग और इससे कैसे किया जा सकता है बचाव
एच1एन1 वायरस नया नहीं है। चिकित्सका विशेषज्ञों के अनुसार एच1एन1 वायरस का चाल, चलन व चरित्र समय के हिसाब से बदलता रहता है। इसकी वैक्सीन है, लेकिन 60 प्रतिशत मरीजों पर यह कारगर नहीं है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे होने वाली मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है। अधिकांश उन मरीजों की उपचार के दौरान मौत होती है, जिनको स्वाइन फ्लू के साथ अन्य खतरनाक बीमारी भी होती है। बीमारी को फैलने से बचाने के लिए हाथ मिलाने की बजाए नमस्ते करके काम चलाएं। इसके अलावा खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखें और अपना हाथ साफ रखें। टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। इसमें सबसे अहम भीड़ व सेंट्रल एसी से बचें। चिकित्सक बताते हैं कि हवाई यात्रा इसके फैलने का प्रमुख कारण है। चिकित्सक बताते हैं कि इस वायरस से सीधे बचा नहीं जा सकता, क्योंकि यह हमारे वातावरण में है। इसके लिए जरूरी है कि हम एहतियात रखें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं। इसके लिए वैक्सीन है, जिसकी कीमत 700 रुपये व इससे ऊपर है। लेकिन यह शत-प्रतिशत कारगर होगी कहा नहीं जा सकता।
स्वाइन फ्लू और उसके लक्षण
स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज जब छींकता है या खांसता है तो वायरस हवा में फैल जाते हैं और आसपास के लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं। संक्रमित होने के एक सप्ताह बाद इसके लक्षण नजर आते हैं। स्वाइन फ्लू मरीज के श्वसन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज में तेज बुखार, ठंड लगना, गला खराब होना, मांसपेशियां व सिर में तेज दर्द होने के लक्षण पाए जाते हैं। इसके अलावा शरीर में कमजोरी होना भी इस बीमारी का लक्षण है।
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