गाजीपुर (एजेंसी)। गाजीपुर में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के बेहद उग्र होने के बाद भड़की हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के मामले में 102 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 11 लोग हिरासत में हैं। पुलिस के भय से प्रदर्शन में शामिल निषाद पार्टी के कार्यकर्ता इधर-उधर घर छोड़कर फरार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद शनिवार को जाम छुड़ाने पहुंचे हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के मामले में करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष सुधाकर राय की तहरीर पर 32 नामजद व 70 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपितों से पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया
एडीजी जोन पीवी रामा शास्त्री ने कहा कि जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा जाएगा। शनिवार को निषाद पार्टी के कार्यकर्ता यहां नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ के पास रास्ता जाम किए थे। अधिकारियों के निर्देश पर करीमुद्दीनपुर थाने की फोर्स जाम हटाने पहुंची थी। जहां उग्र भीड़ ने हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स को पीट कर मार डाला था। एडीजी जोन पवी रामा शास्त्री का कहना है कि ड्यूटी के दौरान सिपाही की हत्या को गंभीरता से लिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा। साक्ष्य व प्रणाम के आधार पर ही दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी व आइजी ने दिया कंधा, नम आंखों से विदाई
प्रतापगढ़ के रानीगंज थाना क्षेत्र के लच्छीपुर गांव निवासी हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स के के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के उपरांत शव पुलिस लाइन लाया गया। यहां सुरेश को अंतिम सलामी देने के साथ ही श्रद्धांजलि दी गई। शव को जैसे ही एडीएजी पीवी रामा शास्त्री, आइजी विजय सिंह मीणा, एसपी डा. यशवीर सिंह व एसपी सिटी प्रदीप दुबे ने कंधा दिया। इस दौरान साथी के खोने का गम तो दिखा तो चेहरे आक्रोश भी झलक रहा था। बाद में परिवार के लोग शव को लेकर गांव के लिए रवाना हो गए। घरवालों ने बताया कि सुरेश प्रसाद वत्स को एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं।
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